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मंगलवार, 26 नवंबर 2024

“वक़्त”

मैंने बचपन से कहा -

“चलो ! बड़े हो जाए !”

उसने दृढ़ता से कहा - 

ऐसा मत करना ! 

अगर हमारे बीच 

बड़प्पन की दरार आई तो 

एक दिन खाई बन जाएगी 

 तुम्हें पता तो है -

खाई को पाटना तुम्हारे और मेरे लिए

कितना मुश्किल हो जाएगा 

क्योंकि..,

“गया वक़्त दुबारा नहीं लौटता ।”


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- "मीना भारद्वाज"