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बुधवार, 6 नवंबर 2024

“जीवन “



कभी-कभी सोचती हूँ 

जीवन क्या है ?

एक रंगहीन सा 

ख़ाली कैनवास …,

जिसको जन्म से साथ लेकर 

पैदा होता है इन्सान

समय के साथ..,

अनुभवों से लबरेज़ 

अनगिनत रंग भरी  कटोरियाँ 

उम्र भर..,

इसके  फलक पर निरन्तर 

ढुलकती रहती हैं 

और फिर…,

तैयार होती है -

कुदरत की अद्भुत,अकल्पनीय 

आर्ट-गैलरी ..,

जिसमें समाहित है 

अपने आप में विविधताओं से परिपूर्ण 

अनेकों लैण्डस्केप..,

 प्रकृति में यह प्रक्रिया अनवरत

बिना रूके , बिना गतिरोध 

चलती रहती है 

शायद..,

इसी का नाम जीवन है 


***



16 टिप्‍पणियां:

  1. जीवन की अति सुंदर परिभाषा !!

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  2. हृदय तल से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अनीता जी !

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  3. जी हाँ मीना जी। वास्तव में इसी का नाम जीवन है।

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  4. हृदय तल से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार जितेन्द्र जी !

    जवाब देंहटाएं
  5. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द शुक्रवार 08 नवंबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    जवाब देंहटाएं
  6. पाँच लिंकों का आनन्द में सृजन को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय तल आभार आ. दिग्विजय जी ।

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  7. हृदय तल से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार हरीश जी !

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  8. उत्तर
    1. हृदय तल से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार जोशी सर !

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  9. हृदय तल से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार ओंकार सर !

    जवाब देंहटाएं
  10. जीवन की परिभाषा प्रस्तुत करती बेहतरीन रचना।

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  11. हृदय तल से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार रूपा सिंह जी!

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  12. सही कहा मीनाजी,
    कुदरत की अद्भुत,अकल्पनीय

    आर्ट-गैलरी ..,

    जिसमें समाहित है

    अपने आप में विविधताओं से परिपूर्ण

    अनेकों लैण्डस्केप..,
    और हम अपना नजरिया बदलकर जीवन को जंग के रूप में देखने लगते है फिर जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि हो जाती है।

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  13. लेखनी को सार्थकता प्रदान करने के लिए हृदय तल से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार सुधा जी !

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मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"