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शुक्रवार, 18 अक्तूबर 2024

शरद पूर्णिमा [ चोका ]

       ( click by me ) 

नभ-आँगन 

कोजागरी यामिनी 

पूर्ण मयंक

आँख मिचौली खेले

अभ्र ओट मे

प्रफुल्लित हर्षित 

साँवली घटा

देख ज्योत्सना छटा

धरा गोद में

रवितनया तीरे

श्री जी के संग

महारास में लीन

कृष्ण मुरारी

यशुमति नन्दन

शत शत वन्दन 


***

12 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर शनिवार 19 अक्टूबर 2024 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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  2. पाँच लिंकों का आनन्द में सृजन को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय तल आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  4. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए आपका हृदय तल से आभार ।

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  5. उत्तर
    1. सृजन को सार्थक करती सराहना हेतु हार्दिक आभार सर !

      हटाएं
  6. उत्तर
    1. सृजन को सार्थक करती सराहना हेतु हार्दिक आभार सर !

      हटाएं
  7. कमाल के भाव ... शरद की पूर्णिमा का अलग ही रूप होता है ...

    जवाब देंहटाएं
  8. सृजन को सार्थक करती सराहना हेतु हार्दिक आभार नासवा जी !

    जवाब देंहटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"