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गुरुवार, 3 अक्तूबर 2024

“सच”

                                  ( click by me )

धारा समय की दिनोंदिन 

आगे बढ़ती जाएगी 

सच कहूँ ..,

बीते दिनों की बहुत याद आएगी


पता था ये दिन 

आगे ऐसे न रहेंगे

बदलेंगे कल हम 

पहले जैसे न दिखेंगे 

देखते ही देखते 

अजनबीयत बढ़ती जाएगी 


सच कहूँ ..,

बीते दिनों की बहुत याद आएगी 


कच्ची सी धूप को 

 वक़्त पर पकना ही था

व्यवहारिक से दायरों में

हम सबको बँधना ही था 

संबंधों में अनुबंधों की 

कहानी दोहराई जाएगी 


सच कहूँ..,

बीते दिनो की बहुत याद आएगी 


***


8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर क्लिक है दी👌
    सचमुच गुजरा हुआ पल ज्यादा.खूबसूरत और बेशकीमती लगता है।
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति दी।
    सस्नेह प्रणाम
    सादर।
    -----
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार ०४ अक्टूबर २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  2. Click और रचना की प्रशंसा के हृदय तल से हार्दिक आभार !आमकी स्नेहिल उपस्थिति सदैव लेखनी को सार्थकता प्रदान करती है ।पाँच लिंकों का आनन्द में रचना साझा करने के लिए बहुत बहुत आभार श्वेता जी ! सस्नेह ..!!

    जवाब देंहटाएं
  3. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से आभार सर !

    जवाब देंहटाएं
  4. कच्ची सी धूप को
    वक़्त पर पकना ही था
    व्यवहारिक से दायरों में
    हम सबको बँधना ही था
    संबंधों में अनुबंधों की
    कहानी दोहराई जाएगी

    सच कहूँ..,
    बीते दिनो की बहुत याद आएगी

    पीछे छूट गए संबंध और मधुर स्मृतियों की टीस। आपने कितनी सहजता और सरलता से रि का फाहा रख दिया। अभिनंदन,मीना जी।

    जवाब देंहटाएं
  5. आपकी स्नेहिल उपस्थिति ने सृजनात्मकता को सार्थक किया ।हृदय तल से हार्दिक आभार नुपूरं जी!

    जवाब देंहटाएं
  6. बीते दिन लौटकर नहीं आते बस उनकी यादें बचती हैं जेहन में..
    सच में कैसे कुछ रिश्ते बहुत करीब के अपनत्व से भरे होकर भी एक समय बाद अजनबी से हो जाते हैं ...पर वो करीबियां हमेशा याद रहती हैं चाहे प्रत्यक्ष में ना जताई जायं..
    पता था ये दिन

    आगे ऐसे न रहेंगे

    बदलेंगे कल हम

    पहले जैसे न दिखेंगे

    देखते ही देखते

    अजनबीयत बढ़ती जाएगी
    अनकहे से भावों को सहजता से हूबहू कह देती हैं आप मीना जी !

    जवाब देंहटाएं
  7. आपकी स्नेहिल उपस्थिति ने सृजनात्मकता को सार्थक किया ।हृदय तल से हार्दिक आभार सुधा जी!

    जवाब देंहटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"