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गुरुवार, 3 अक्तूबर 2024

“सच”

                                  ( click by me )

धारा समय की दिनोंदिन 

आगे बढ़ती जाएगी 

सच कहूँ ..,

बीते दिनों की बहुत याद आएगी


पता था ये दिन 

आगे ऐसे न रहेंगे

बदलेंगे कल हम 

पहले जैसे न दिखेंगे 

देखते ही देखते 

अजनबीयत बढ़ती जाएगी 


सच कहूँ ..,

बीते दिनों की बहुत याद आएगी 


कच्ची सी धूप को 

 वक़्त पर पकना ही था

व्यवहारिक से दायरों में

हम सबको बँधना ही था 

संबंधों में अनुबंधों की 

कहानी दोहराई जाएगी 


सच कहूँ..,

बीते दिनो की बहुत याद आएगी 


***