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बुधवार, 27 दिसंबर 2023

“हाइकु”

रश्मि को देख

आसमान में छिपा

भोर का तारा ।


 मोती के जैसी

धूप में चमकती

ओस की बूँद ।


श्वेत वसन

धरती ने पहने

शीत ऋतु में ।


ढलती साँझ

ठिठुरन भगाए

चाय का कप ।


धीमे से बजी

पत्तियाँ मेपल की

सर्द रात में ।

                             

सर्दी की रात

पत्तों के कम्बल में

लिपटा चाँद ।


***

4 टिप्‍पणियां:

  1. मोती के जैसी
    धूप में चमकती
    ओस की बूँद ।
    मोती जैसे
    तोड़ लेने की
    इच्छा होती है
    अप्रतिम
    सादर

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  2. लेखनी को मान प्रदान करती अनमोल प्रतिक्रिया के हार्दिक आभार आपका । सादर वन्दे !

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  3. लेखनी को मान प्रदान करती अनमोल प्रतिक्रिया के हार्दिक आभार आपका । सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"