रश्मि को देख
आसमान में छिपा
भोर का तारा ।
मोती के जैसी
धूप में चमकती
ओस की बूँद ।
श्वेत वसन
धरती ने पहने
शीत ऋतु में ।
ढलती साँझ
ठिठुरन भगाए
चाय का कप ।
धीमे से बजी
पत्तियाँ मेपल की
सर्द रात में ।
सर्दी की रात
पत्तों के कम्बल में
लिपटा चाँद ।
***
मोती के जैसीधूप में चमकतीओस की बूँद ।मोती जैसेतोड़ लेने कीइच्छा होती हैअप्रतिमसादर
लेखनी को मान प्रदान करती अनमोल प्रतिक्रिया के हार्दिक आभार आपका । सादर वन्दे !
सभी हाइकू बहुत सुन्दर ...
मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏 - "मीना भारद्वाज"
मोती के जैसी
जवाब देंहटाएंधूप में चमकती
ओस की बूँद ।
मोती जैसे
तोड़ लेने की
इच्छा होती है
अप्रतिम
सादर
लेखनी को मान प्रदान करती अनमोल प्रतिक्रिया के हार्दिक आभार आपका । सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंसभी हाइकू बहुत सुन्दर ...
जवाब देंहटाएंलेखनी को मान प्रदान करती अनमोल प्रतिक्रिया के हार्दिक आभार आपका । सादर वन्दे !
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