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गुरुवार, 21 दिसंबर 2023

“पंछी”


                      
पंछी नभ में एक अकेला 

जाने किस तलाश में धूल भरी राह में

मंजिल समीप है बस इसी अनुमान में

हवाओं के जोर में नभ के बहुत शोर में

तिनके सा उड़ चला बिसरा संगियों का रेला


रह गया नभ में अकेला 


भ्रमित सा इत-उत उड़े साथी ढूँढता फिरे

भूख और प्यास से प्राण भी संत्रास में

जाने क्यों गुरूर कर हवाओं का रुख़ भूल कर

पाला उसने ख़ुद झमेला 


हो गया नभ में  अकेला 


थक-हार टूटकर गिरा तरू की डाल पर

चारों तरफ देख कर टूटे पंख समेट कर

ग़लतियों से सीख कर मन ही मन यह प्रण किया

दोहरायेगा न जो अब झेला


पंछी तरू पर एक अकेला 

 

***

16 टिप्‍पणियां:

  1. ग़लतियों से तो पशु-पक्षी भी सीखते हैं, हम तो फिर इंसान हैं। अच्छी कविता है आपकी।

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  2. अनमोल प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार जितेंद्र जी🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. पक्षी अकेला ,परिस्थितियों के चक्रव्यूह में जो रह गया उलझकर,
    पहेलियां कुछ ऐसी थी उलझी ही रहीं अर्थ न बदल सकी सुलझकर।
    भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी।
    सस्नेह प्रणाम।
    सादर
    - ...
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार २२ दिसम्बर २०२३ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  4. अनमोल विचाराभिव्यक्ति से लेखनी ऊर्जावान हुई । हार्दिक आभार सहित सस्नेह अभिवादन श्वेता जी ! पाँच लिंकों का आनन्द में सृजन सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  5. हृदयतल से हार्दिक आभार एवं धन्यवाद सर ! सादर वन्दे !

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  6. वाह! सखी मीना जी ,बहुत खूबसूरत सृजन।

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  7. आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया पा कर सृजन सार्थक हुआ ।हृदयतल से आभार सखी शुभा जी ! सादर वन्दे !

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  8. वाह ...वाह...वााह...मीना जी...शानदार कव‍िता

    जवाब देंहटाएं
  9. लेखनी को मान प्रदान करती स्नेहिल प्रतिक्रिया के हार्दिक आभार अलकनन्दा जी ! सादर वन्दे !

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  10. वाह, पक्षी का अनुभव कमाल का रहा वो बाकियों को भी आगाह करेगा अब खुद तो गलतियों से सीख ले ही लिया...!

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  11. आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता मिली ॥हृदयतल से आभार शिवम जी ।सादर वन्दे ।

    जवाब देंहटाएं
  12. आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता मिली ॥हृदयतल से आभार सर ! सादर वन्दे ।

    जवाब देंहटाएं
  13. सृजन को सार्थक करती सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से आभार हरीश जी । सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"