निरभ्र गगन में..,
अपनी धुन में मगन
वह अकेला ही..,
भर रहा था परवाज़ें
देखते ही देखते..,
साथी जुड़ते चले गए
और..,
कारवाँ बनता गया
*
सुना है…,
उनकी लिस्ट में अपना
नाम नहीं है
दुनियादारी की परिपाटी
कहती है कि..,
रस्म अदायगी तो अब
अपनी तरफ से भी बनती है
निभाने की परम्परा
सभ्य होने की परिचायक है ।
*
अपरिचित आंगन में
गुलाब की कलम सी हैं
लड़कियाँ..,
जमीन से जुड़ाव में
थोड़ा वक्त लगता है
*
वाह
जवाब देंहटाएंलेखनी को मान प्रदान करती प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार आ .ओंकार सर ! सादर वन्दे !
हटाएंअहा!!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर, एवं सार्थक क्षणिकाएं
अपरिचित आंगन में
गुलाब की कलम सी हैं
लड़कियाँ..,
जमीन से जुड़ाव में
थोड़ा वक्त लगता है
वाह!!!
लेखनी को सार्थक करती अनमोल प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से हार्दिक आभार सुधा जी ! सादर वन्दे !
हटाएंबहुत सुंदर और सारगर्भित क्षणिकाएँ हैं दी।
जवाब देंहटाएंकम शब्दों में अभिव्यक्ति की जादूगरी आप बखूबी जानती हैं।
सस्नेह प्रणाम दी
सादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना मंगलवार ३ अक्टूबर२०२३ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से लेखनी सार्थक हुई स्नेहिल धन्यवाद श्वेता जी । पाँच लिंकों का आनन्द में सृजन को सम्मिलित करने के हृदयतल से आभार ।सस्नेह….!!
हटाएंबहुत सुंदर और सारगर्भित क्षणिकाएँ हैं
जवाब देंहटाएंलेखनी को सार्थक करती अनमोल प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से हार्दिक आभार यशोदा जी ! सादर वन्दे !
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंलेखनी को मान प्रदान करती प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार आ . सुशील सर ! सादर वन्दे !
हटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार हरीश जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंअप्रितम जीवन के शूक्ष्म अंशों से औत प्रोत क्षणिकाएं
जवाब देंहटाएंलेखनी को मान प्रदान करती प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार आ . सर ! सादर वन्दे !
हटाएंअच्छी क्षणिकाएं रची हैं आपने। तीसरी वाली विशेष रूप से प्रशंसनीय है।
जवाब देंहटाएंलेखनी को मान प्रदान करती प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार आ . जितेन्द्र जी !सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंअपरिचित आंगन ... बहुत सुन्दर क्षणिका ... सत्य के करीब, और जहाँ ये बात समझ आती है वो परिवार सुखी रहते हैं ...
जवाब देंहटाएंआपकी अनमोल प्रतिक्रिया ने लेखनी को मान प्रदान किया सादर आभार आ . नासवा जी !सादर वन्दे !
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