आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (27-04-2023) को "सारे जग को रौशनी, देता है आदित्य" (चर्चा अंक 4659) पर भी होगी। -- चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है। जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। -- डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
पता तो अक्सर देर से ही चलता है मीना जी और यही विडम्बना है।
जवाब देंहटाएंसारगर्भित प्रतिक्रिया हेतु आभारी हूँ जितेन्द्र जी 🙏
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 26 एप्रिल 2023 को साझा की गयी है
जवाब देंहटाएंपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
पाँच लिंकों का आनन्द में सृजन को सम्मिलित करने के लिए सादर आभार आदरणीय दिग्विजय जी 🙏
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (27-04-2023) को "सारे जग को रौशनी, देता है आदित्य" (चर्चा अंक 4659) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
चर्चा मंच की चर्चा में सृजन को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार सहित धन्यवाद आदरणीय शास्त्री जी सर 🙏
हटाएंसमय चूक की हूक ?
जवाब देंहटाएंसमय रहते अगर चेत जाते
जाने कितने हादसे टल जाते
सारगर्भित प्रतिक्रिया ने सृजन को सार्थक किया । हार्दिक आभार नुपूरं जी !
हटाएंमान मिले
जवाब देंहटाएंतो ..
अपने आप ही
बना लेती हैं
मर्यादाओं के दायरे
वाह!!!
बहुत सटीक... मान देने में ही भलाई है....
लाजवाब सृजन।
सारगर्भित सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया ने सृजन को सार्थक किया । हार्दिक आभार सुधा जी !
हटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया ने सृजन को सार्थक किया । हार्दिक आभार आदरणीय ओंकार जी सर !
हटाएंबहुत सुंदर सृजन 👌
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया ने सृजन को सार्थक किया । हार्दिक आभार अनुराधा जी !
हटाएंबहुत सटीक....लाजवाब सृजन बहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग पर आना हुआ
जवाब देंहटाएंआपका ब्लॉग पर आना सदैव सुखद अनुभूति है अनुज ! हार्दिक आभार सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु ।
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