आओ सब मिल कर आज ,स्वन्तत्रता दिवस मनायें ।
शहीदों को याद करें ,
मान से शीश झुकायें ।।
फहरायें तिरंगा शान से ,
गर्व से जन गण मन गायें ।।
आओ सब मिल कर आज ,स्वन्तत्रता दिवस मनायें ।
सीखें समानता बन्धुता का पाठ ,
राष्ट्र का मान बढ़ायें ।
त्यागें राग द्वेष का भाव ,
कुटुम्ब खुशहाल बनायें ।।
आओ सब मिल कर आज ,स्वन्तत्रता दिवस मनायें ।
व्यक्तिगत को भूल कर ,
समष्टिगत को जीवन सार बनायें ।
करें सब की इच्छा का आदर ,
सामान्य इच्छा का सिद्धांत अपनायें ।।
आओ सब मिल कर आज ,स्वन्तत्रता दिवस मनायें ।
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आप सबको स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई 🙏🙏
【2018 में स्वतन्त्रता दिवस पर पोस्ट मेरी एक रचना 】
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सर!
हटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सर!
हटाएंबहुत सुन्दर भावनाएं ...... काश हर नागरिक इन भावों को अपनाए ...
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार मैम🙏🌹🙏
हटाएंआपकी लिखी रचना सोमवार 16 ,अगस्त 2021 को साझा की गई है ,
जवाब देंहटाएंपांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
पांच लिंकों का आनंद पर रचना साझा करने हेतु हार्दिक आभार मैम🙏🌹🙏
हटाएंबहुत सुंदर रचना, मैम....
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार विकास जी!
हटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार ज्योति जी।
हटाएंव्यक्तिगत को भूल कर ,
जवाब देंहटाएंसमष्टिगत को जीवन सार बनायें ।
करें सब की इच्छा का आदर ,
सामान्य इच्छा का सिद्धांत अपनायें ।।
आओ सब मिल कर आज ,स्वन्तत्रता दिवस मनायें
बहुत ही सुन्दर ...लाजवाब सृजन।
सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सुधा जी।
हटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगवार(१७-०८-२०२१) को
'मेरी भावनायें...'( चर्चा अंक -४१५९ ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
चर्चा मंच पर सृजन को चर्चा में सम्मिलित करने हेतु हार्दिक आभार अनीता जी।
हटाएंगहन रचना...।
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार संदीप जी।
हटाएंव्यक्तिगत को भूल कर, समष्टिगत को जीवन सार बनायें......!
जवाब देंहटाएंकाश ''समस्त'' देशवासियों का यही मकसद हो पाता !
आपकी चिन्तनपरक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सर!
हटाएंनमन है उनको प्रथम, बलिदान जो अज्ञात रहे
जवाब देंहटाएंहो विलोपित पटल से हृदय में शीर्षांकित हो गये।
------बिना शहीदों को नमन किए कैसा स्वतन्त्रता दिवस …सुन्दर रचना
आपकी सुन्दर सराहनीय अनमोल पंक्तियों से सजी प्रतिक्रिया ने सृजन को सार्थकता प्रदान की । हार्दिक आभार उषा जी ।
हटाएंसुंदर रचना, देशभक्ति के भावों से ओतप्रोत।
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार मीना जी ।
हटाएंस्वतंत्रता दिवस को सम्मान देती तथा सुंदर सुखद संदेश देती रचना ।
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार जिज्ञासा जी ।
हटाएंसुन्दर भाव सृजन... जो भी हो पर ऐसी सुन्दर कल्पना भी असीम सुख देती है । हार्दिक शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंसत्य कहा आपने यथार्थ की कठोरता को कम करने के लिए आदर्शों की कल्पित सोच सुखद अनुभूति देती है।।
हटाएंआपकी स्नेहिल उपस्थिति के लिए आभारी हूँ ।
व्यक्तिगत भूल कर राष्ट्र चिंतन सदैव रहना चाहिए मन में ...
जवाब देंहटाएंइसकी कल्पना स्वयं शीश झुका देती है ... बहुत सुन्दर भाव ओर रचना ...
सृजन की सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से लेखनी को
हटाएंमान मिला । हृदय से असीम आभार नासवा जी।