बादल!
सावन में अब की
बरसो तो…
लाना कुछ ऐसा
जिससे हो
इम्यूनिटी बूस्ट
जरूरत है उसकी
मनु संतानों को
जो रख सके
उनके श्वसन को मजबूत
चन्द्र देव!
बड़े इठला रहे हो
यह ठसक
किस काम की ?
जब...
सदियों से तुम्हारी प्रशंसा में
कसीदे पढ़ने वालों की
नींव...
दरक रही है धीरे-धीरे
सुनो !
जड़-चेतन साझा सहभागी हैं
प्रकृति के ..,
हम भी उन्हीं की संतान हैं
और माँ की नजर में तो
सभी समान है
माना कि..
हो गई मानव से कुछ गलतियां
खुद को सृष्टि में सबसे
ताकतवर और बुद्धिमान
समझने की गलतफहमियां
अब बस भी करो…
कितनी सजा और दिलवाओगे
अगर न रहा मनुज
तो अपने आप में अधूरेपन की
सजा तुम भी तो पाओगे
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