यह शेर मुकम्मल है... भावपूर्ण, अर्थपूर्ण और बहर के लिहाज़ से भी उम्दा बहुत बधाई प्रिय मीना जी 🙏 वेलेंटाइन डे पर हार्दिक शुभकामनाओं सहित, शुभेच्छु, डॉ. वर्षा सिंह
नमस्ते, आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 15 फ़रवरी 2021 को चर्चामंच <a href="https://charchamanch.blogspot.com/ बसंत का स्वागत है (चर्चा अंक-3978) पर भी होगी।
दृग करते महफिल में बातें ।
जवाब देंहटाएंनादानी की एक निशानी ।।
यह शेर मुकम्मल है... भावपूर्ण, अर्थपूर्ण और बहर के लिहाज़ से भी उम्दा
बहुत बधाई प्रिय मीना जी 🙏
वेलेंटाइन डे पर हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
शुभेच्छु,
डॉ. वर्षा सिंह
हार्दिक शुभकामनाओं सहित हृदयतल से आभार वर्षा जी🙏🌹🙏
हटाएंदस दोहे वसंत पर
जवाब देंहटाएंआपकी प्रतीक्षा रहेगी।
जी अवश्य वर्षा जी ! बहुत बहुत आभार इस निमंत्रण के लिए🙏🌹🙏
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंहृदयतल से हार्दिक आभार सर!
हटाएंवाह!गज़ब का सृजन।
जवाब देंहटाएंसादर
सराहना भरी प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार अनीता जी।
हटाएंसार्थक एवं प्रेरक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंहृदयतल से हार्दिक आभार सर!
हटाएंये कहानी सुनी..किरदार याद गए..
जवाब देंहटाएंकहानी के संवाद बाते कई दुहरा गए..
बहुत सुंदर..
बहुत बहुत आभार आपका सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु ।
हटाएंबहुत खूब लिखा है। आपको बधाई और शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंहृदयतल से हार्दिक आभार वीरेंद्र जी!
हटाएंबहुत सुन्दर एवं शानदार, भाव पूर्ण रचना..
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार जिज्ञासा जी।
हटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 15 फ़रवरी 2021 को चर्चामंच <a href="https://charchamanch.blogspot.com/ बसंत का स्वागत है (चर्चा अंक-3978) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर रचना को साझा करने के लिए सादर आभार रवीन्द्र सिंह जी ।
हटाएंबहुत सुंदर रचना....🌹🙏🌹
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार शरद जी 🌹🙏🌹
हटाएंदृग करते महफिल में बातें ।
जवाब देंहटाएंनादानी की एक निशानी ।।
खूबसूरत ग़ज़ल , बधाई
आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता मिली..हार्दिक आभार मैम 🙏🙏
हटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार ज्योति जी!
हटाएं
जवाब देंहटाएंदृग करते महफिल में बातें ।
नादानी की एक निशानी.... बहुत सुंदर
सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार शकुंतला जी।
हटाएंबहुत ही सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार सर!
हटाएंबहुर लाजवाब ... गज़ल अंदाज़ में लिखी बहुत सुन्दर रचना है ...
जवाब देंहटाएंग़ज़ल लिखने में निपुणता नही है अभी । कभी कभी प्रयास करती हूँ कुछ कुछ फ्यूजन टाइप ।आपकी ग़ज़लें लाजवाब होती है । सराहना से सृजन सार्थक हुआ।
हटाएंमन ठहर गया ... बहुत ही सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंहृदयतल से हार्दिक आभार अमृता जी !
हटाएंये कहानी सुनी..किरदार याद गए..
जवाब देंहटाएंकहानी के संवाद बाते कई दुहरा गए..
बहुत सुंदर..अंदाज़ में लिखी
आपकी प्रतिक्रिया से सृजन को मुखरता मिली । हार्दिक आभार अनुज ।
हटाएंबेहद सुंदर लाजबाव सृजन मीना जी
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार कामिनी जी ।
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