पेड़ों की शाखें ~
शुक वृन्द चोंच में
अनार दाने ।
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कानन पथ~
अहेरी के जाल में
मृग शावक ।
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नदी का तट~
मांझी की झोपड़ी से
मछली गंध ।
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पेड़ की डाल ~
गिलाई के पंजें में
मीठी निबौरी ।
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सर्दी में वर्षा~
इलायची महकी
चाय प्याली में ।
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भोर उजास~
आंगन में बिखरे
निहार कण ।
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सर्दी की धूप~
छत मुंडेर पर
गोरैया जोड़ा ।
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सागर तट~
लहरों को देखता
नव युगल ।
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कानन पथ~
झरने के समीप
गज शावक ।
🔸
झील के पार ~
पनपी शाखों पर
बैया कॉलोनी ।
🔸
शीत मध्याह्न~
लड़की के हाथों में
ऊन-सिलाई ।
🔸
हिमस्खलन~
चट्टान की ओट में
पर्वतारोही ।
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जल प्रपात~
पत्थर से फिसला
युवक पाँव ।
🔸
बर्फानी रात ~
सरहद की रक्षा
फौजी के हाथ ।
***
बहुत सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता
हटाएंमिली..हार्दिक आभार शिवम् जी।
अनार दाने के जैसा ही हाइकु । अत्यंत आकर्षक एवं मनमोहक । हार्दिक शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंआपके ऊर्जावान शब्दों से लेखनी को मान मिला हार्दिक आभार अमृता जी ।
हटाएंहृदय ने अभी त्वरा से आपको याद किया था और आप दिख गई । अच्छा लगा ।
हटाएंइस स्नेह से अभिभूत हूँ अमृता जी । हृदय से आभार इस मान के लिए..
हटाएंबहुत सुन्दर हाइकु।
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई स्वीकार करें।
सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता
हटाएंमिली...सादर आभार सर।
वाह!!!
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक हायकु
बहुत ही सुन्दर।
आपकी ऊर्जावान सराहना से लेखनी सफल हुई हार्दिक आभार सुधा जी ।
हटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(०४-०१-२०२१) को 'उम्मीद कायम है'(चर्चा अंक-३९३६ ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी
चर्चा मंच पर सृजन को सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार अनीता ।
हटाएंमंत्रमुग्ध करती प्रभावशाली लेखन व अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता
हटाएंमिली...सादर आभार शांतनु जी ।
वाह! सभी हाइकू शानदार।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार नीतीश जी!
हटाएंसभी हाइकू बहुत बढ़िया हैं। आपको बधाई और शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार विरेन्द्र सिंह जी!
हटाएंबहुत अच्छे सम-सामयिक हाइकु प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार कविता जी !
हटाएंबहुत ख़ूब मीना जी !
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार जितेन्द्र जी!
हटाएंअत्यंत मनोहारी चित्रण !
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार अनीता जी!
हटाएंबहुत सुन्दर सृजन।
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार शांतनु जी!
हटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार सर!
हटाएंएक से बढ़कर एक हाइकु..शानदार एवं मनमोहक..
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता
हटाएंमिली... हृदय से आभार जिज्ञासा जी !
सर्दी में वर्षा~
जवाब देंहटाएंइलायची महकी
चाय प्याली में ।
🔸
भोर उजास~
आंगन में बिखरे
निहार कण ।
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सर्दी की धूप~
छत मुंडेर पर
गोरैया जोड़ा ।
बहुत प्यारे-से हाइकू ... तीन-तीन पंक्तियों में समायी पूरे मौसम की झांकी
बहुत ख़ूब 👌👌👌👌
आपकी सराहना भरी प्रतिक्रिया से मेरे हाइकु लेखन को सार्थकता मिली...हृदय से असीम आभार वर्षा जी🙏🌹🙏
हटाएंकमाल के हाइकू हैं सभी ... हर पहली पंक्ति का जवाब बाकी दो में समाहित करते ... लाजवाब लेखन ..
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन के लिए हृदय से असीम आभार नासवा जी।
हटाएंअतुलनीय कृति - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन के लिए हृदय से असीम आभार शांतनु जी🙏🙏
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन के लिए हृदय से असीम आभार सर 🙏🙏
हटाएंवाह बेहद खूबसूरत हाइकु 👌🏻👌🏻👌🏻
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन के लिए हृदय से असीम आभार अनुराधा जी !
जवाब देंहटाएंअच्छे सम-सामयिक हाइकु प्रस्तुति बहुत ही सुन्दर।
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