मंगल मोद मनाये
कुछ हँस ले कुछ गाए
नये साल में...
भूलें जो दुःस्वप्न सरीखा था
जो भी था
सब अपना था
आशा के दीप जलाए
नये साल में..
प्रकृति का खिला
अंग-प्रत्यंग
सृष्टि का दिखा
अभिनव सा रंग
बंद घरों में रह कर सीखा
जीने का एक नया ढंग
खुल जाएँ आंगन-द्वार
नये साल में…
समय के बहते दरिया में
आए कब ठहराव यहाँ...
था वो भी कल
जो बीत गया
वो भी है कल
जो आएगा
सब अच्छा हो इस बार
नये साल में..
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【 चित्र-गूगल से साभार 】
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 30 दिसंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएं"सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" रचना साझा करने के लिए हार्दिक आभार दिव्या जी। नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
हटाएंनए वर्ष के लिए शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंआभार सहित आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
हटाएंनूतन वर्ष मंगलमय हो । सुंदर सृजन ।
जवाब देंहटाएंआभार सहित आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
हटाएंआमीन ... ये नया साल हर किसी के लिए खुशियाँ ले कर आए ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना से स्वागत किया है आपने ... नव वर्ष मंगल मय हो ...
सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार नासवा जी! आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई।
हटाएंबहुत बढि़या उम्मीदें हैं। नववर्ष मंगलमय हो। आपको बधाई। सादर।
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार वीरेंद्र सिंह जी! आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई।
हटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सर! नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
हटाएंप्रकृति का खिला
जवाब देंहटाएंअंग-प्रत्यंग
सृष्टि का दिखा
अभिनव सा रंग
बंद घरों में रह कर सीखा
जीने का एक नया ढंग
खुल जाएँ आंगन-द्वार
नये साल में…
बहुत ही सुन्दर रचना।
नववर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं।
सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सुधा जी!
हटाएंआपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 31.12.2020 को चर्चा मंच पर दिया जाएगा| आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
चर्चा मंच पर सृजन को सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार दिलबागसिंहजी ।
हटाएंसुन्दर सृजन
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सर! नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
हटाएंबहुत ही सुंदर सृजन दी।
जवाब देंहटाएंसादर
आपकी सराहना भरी प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार अनीता!नववर्ष मंगलमय हो..हार्दिक शुभकामनाएं ।
हटाएंसमय के बहते दरिया में
जवाब देंहटाएंआए कब ठहराव यहाँ...
था वो भी कल
जो बीत गया
वो भी है कल
जो आएगा
सब अच्छा हो इस बार
नये साल में..सुन्दर सृजन - - नूतन वर्ष की असंख्य शुभकामनाएं ।
आपकी सराहना भरी प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार शांतनु जी ! नववर्ष मंगलमय हो..हार्दिक शुभकामनाएं ।
हटाएंसमय के बहते दरिया में
जवाब देंहटाएंआए कब ठहराव यहाँ...
था वो भी कल
जो बीत गया
वो भी है कल
जो आएगा
सब अच्छा हो इस बार
नये साल में..
नए साल में नई आस लिए बहुत ही सुंदर सृजन मीना जी ,आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
आपकी सराहना भरी प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार कामिनी जी ! नववर्ष मंगलमय हो आपको भी सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🌹🙏 ।
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सर! नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
हटाएंनव संकल्पना का नव संदेश देते नवीनता से भरे सुंदर छंद..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामना सहित जिज्ञासा सिंह...
जवाब देंहटाएंआपकी सराहना भरी प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार जिज्ञासा जी ! नववर्ष मंगलमय हो आपको भी सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🌹🙏 ।
हटाएंवाह आशा का संदेश देते अल्फाज़ ।
जवाब देंहटाएंयथार्थ धारणा क्या ठहरा है समय के बहाव में..
बहुत सार्थक रचना।
आपकी सराहना भरी प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार कुसुम जी ! नववर्ष मंगलमय हो आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🌹🙏 ।
हटाएं
जवाब देंहटाएंसच बीत गया जो वर्ष फिर कभी न आये भूल कर भी लौट के
नववर्ष की बेला पर यही मंगलकामनाएं करते हैं कि ....
नव वर्ष में नव पहल हो
कठिन जीवन और सरल हो
नए वर्ष का उगता सूरज
सबके लिए सुनहरा पल हो
आपकी काव्यात्मक प्रतिक्रिया से सृजन को मान मिला । नव वर्ष की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं ।
हटाएंवो भी है कल
जवाब देंहटाएंजो आएगा
सब अच्छा हो इस बार
नये साल में.....
बेहतरीन भाव संयोजन। ।।।।।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीया। ।।
आपकी सराहना भरी प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार. नववर्ष मंगलमय हो आपको भी सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🌹🙏
हटाएंनये साल में
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भाव संयोजन बढि़या उम्मीदें हैं नववर्ष मंगलमय हो सुंदर सृजन मीना जी:)
नववर्ष की हार्दिक शुभेच्छाओं सहित बहुत बहुत आभार संजय जी ।
हटाएंभूलें जो दुःस्वप्न सरीखा था
जवाब देंहटाएंजो भी था
सब अपना था
आशा के दीप जलाए
नये साल में.. बहुत बहुत सुन्दर
सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सर!
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