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बुधवार, 9 सितंबर 2020

'सांझ"

                              










सांध्य सुंदरी बन के अप्सरा
भू लोक पर आई
देख धरा का रूप सलोना
मन ही मन सकुचाई

हरित रंग की ओढ़े चूनर
सतरंगी फूलों के झूमर
मादक सी पछुआ बयार से
धान फसल हरषाई

इसकी भोर का क्या है कहना
ये तो आठ प्रहर में गहना
पंछी चहके अमराइयों में
सूर्य किरण इठलाई

गोवत्सों की कंठ घंटियाँ
गायों की स्नेहिल गलबहियाँ
 देख देख वसुधा का आंगन 
उसने सुधबुध बिसराई

सांध्य सुंदरी बन के अप्सरा
भू लोक पर आई
देख धरा का रूप सलोना
मन ही मन सकुचाई


🍁🍁🍁
【चित्र : गूगल से साभार】

26 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु स्नेहिल आभार सखी ।

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  2. उत्तर
    1. उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु सादर आभार सर ।

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  3. वाह बहुत सुंदर प्रकृति चित्रण कोमल मधुरिम शब्दावली ।
    मनोरम रचना मीना जी मोहक सुंदर।

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    उत्तर
    1. सृजन को सार्थक करती सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हृदय से असीम आभार कुसुम जी ।

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  4. उत्तर
    1. उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु सादर आभार सर ।

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  5. वाह !!बहुत ही सुंदर सृजन दी 👌
    मन को छूता हुआ।
    सादर

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    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु स्नेहिल आभार अनीता ।

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  6. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" गुरुवार 10 सितम्बर 2020 को साझा की गयी है............ पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    उत्तर
    1. "पाँच लिंकों का आनन्द" में रचना साझा करने के लिए सादर आभार यशोदा जी ।

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  7. प्रकृति का बड़ा ही मनोरम वर्णन,ऐसा दृश्य जो अब बहुत कम देखने को मिलता है,मनभावन सृजन ,सादर नमन मीना जी

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    उत्तर
    1. सृजन को सार्थक करती सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हृदय से असीम आभार कामिनी जी । स्नेहाभिवादन 🙏

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  8. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, मीना दी।

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    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु स्नेहिल आभार ज्योति जी ।

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  9. उत्तर
    1. उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु सादर आभार सर ।

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  10. वाह!!!
    प्रकृति की सुन्दरता पर बहुत ही मनभावन लाजवाब सृजन।

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    1. सृजन को सार्थक करती सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए
      लिए स्नेहिल आभार सुधा जी !

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  11. सान्झ की लाली को बाखूबी रँगों और शब्दों के द्वारा उतरा है यहाँ ...
    बहुत लाजवाब रचना ....

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    उत्तर
    1. उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु सादर आभार नासवा जी!

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  12. अति सराहनीय सांझ-वर्णन , बहुत सुंदर रचना

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  13. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार ..आपके अनमोल शब्दों से सृजन का मान बढ़ा 🙏

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  14. उत्साहवर्धन करती सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु सादर आभार सर!

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मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"