आत्म दर्शन के लिए
समय कहाँ है हमारे पास
बाहरी आवरण को ही
जाँच-परख कर
ऐंठे फिरते हैं गुरूर में
देख भाल के अभाव में
अन्तर्मन रहता है
सदा ही उपेक्षित
देह के एक कोने में
मासूम बच्चे सा
उठाता है सिर कई बार
जोर लगा कर
तो व्यस्त भाव से
पूरी श्रद्धा और हक से
दबा देते हैं
उसकी आवाज़
जैसे..
घर आए मेहमान के
आतेथ्य भाव में मगन हम
अपने ही घर में
अपने ही बालक को
भूखा सोने को मजबूर करते हैं
***
मैं बस इस पृष्ठ पर ठोकर खाई और कहना है - वाह। साइट वास्तव में अच्छी है और अद्यतित है। जारी रखें
जवाब देंहटाएंसराहना के लिए बहुत बहुत आभार स्वरा मिश्रा जी 🙏
हटाएंगजब भावों की गहन अनुभूति देता सटीक चिंतन।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार कुसुम जी ।
हटाएंबहुत अच्छा..🌻
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार शिवम् जी ।
हटाएंआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 17.9.2020 को चर्चा मंच पर दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी|
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
बहुत बहुत आभार आदरणीय दिलबाग सिंह जी .
हटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 17 सितंबर 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बहुत बहुत आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह जी ।
हटाएंबहुत अच्छी... विचारोत्तेजक कविता हेतु साधुवाद 💐🙏💐
जवाब देंहटाएंमनोबल संवर्द्धन के लिए बहुत बहुत आभार वर्षा जी🙏🙏
हटाएंकृपया मेरी इस पोस्ट को पढ़ कर आप अपनी टिप्पणी देवें तो मुझे प्रसन्नता होगी 🙏
जवाब देंहटाएंhttps://vichar-varsha.blogspot.com/2020/09/16.html?m=1
जी मैं अवश्य आपके ब्लॉग पर उपस्थित होऊँगी 🙏🙏
हटाएंसुन्दर सृजन
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत आभार सर .
हटाएंकड़वी सच्चाई !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
मनोबल संवर्द्धन के लिए बहुत बहुत आभार सर.
हटाएंसराहना से परे दी आपका चिंतन बेहतरीन 👌
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार अनीता सस्नेह...,
हटाएंसही कहा आत्मदर्शन के लिए समय ही नही निकालते...
जवाब देंहटाएंजैसे..
घर आए मेहमान के
आतेथ्य भाव में मगन हम
अपने ही घर में
अपने ही बालक को
भूखा सोने को मजबूर करते
वाह!!!
अद्भुत... लाजवाब।
आपकी प्रतिक्रिया सदैव लेखनी को सार्थकता प्रदान करती है .. सस्नेह आभार सुधा जी ।
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सर.
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