सुन लो विनती अब नाथ हरे , भव के दुख संकट दूर
करो ।
सिर जूट- जटा जल धार धरे ,गल शोभित माल भुजंग
प्रभो ।।
वसुधा निखरे बरखा बरसे ,ऋतु पावन सावन मास
सुनो ।
भवसागर से तब नाव तरे ,मन पावन हो शिव नाम
जपो ।।
🍁🍁🍁
रथ हांक चले मथुरा नगरी , बरसें दृग ज्यों बरसी
बदरी ।
वृषभानु सुता चुपचाप रही,मग द्वार खड़ी सखियां
सगरी ।।
जमुना तट की छवि सून भई, घर आंगन बीच पड़ी
गगरी ।।
मुरलीधर को नित ढूंढ रही,अकुलाय रही ब्रज की
नगरी ।
🍁🍁🍁
दुर्मिल सवैया का अच्छा प्रयोग किया है आपने।
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु सादर आभार आदरणीय 🙏🙏
हटाएंसंयोग और वियोग इससे ऊपर उठने के लिए महायोगी शिव और योगेश्वर कृष्ण के दर्शन को समझना आवश्यक है। अत्यंत भावपूर्ण सृजन मीना दीदी।
जवाब देंहटाएंवैसे,
...सावन में भगवान शंकर की पूजा के पीछे उनके पंचानन स्वरूप को ध्यान में रखकर किया । चंद्रवर्ष का 5वां महीना सावन है । पँचभूतो 'क्षिति जल पावक गगन समीरा, पंच रचित यह अधम शरीरा' से बने मानव-तन को 'बड़े भाग मानुष तन पावा' तक पहुंचाने की प्रक्रिया भी है । शिव को प्रसन्न करने का पंचाक्षरी मन्त्र 'नम: शिवाय' का उद्देश्य यही स्पष्ट होता है ।
वर्षा ऋतु जिसका पहला पूरा सावन प्रकृति के देवता महादेव की कृपा प्राप्ति का तो अगला भाद्रपद गोकुल में जन्मे कन्हैया के जन्म के साथ उत्सव मनाने एवं कृषि, गो-पालन, गोकुळ पर कंस के असुरों के प्रहार से लड़ने का सामर्थ्य पैदा करने वाला है ।
सावन में महादेव शिव और भाद्रपद में गोपेश्वर कृष्ण की महत्ता के उल्लेख ने सृजन का मान बढ़ाया । बहुत बहुत आभार भाई आपकी अनमोल प्रतिक्रिया हेतु ।
हटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (१८-०७-२०२०) को 'साधारण जीवन अपनाना' (चर्चा अंक-३७६६) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी
चर्चा "साधारण जीवन अपनाना" सृजन को सम्मिलित करने हेतु हार्दिक आभार अनुजा ।
हटाएंइस बेहतरीन लिखावट के लिए हृदय से आभार Appsguruji(सीखे हिंदी में)
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार नवीन जी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु ।
हटाएंलाजवाब!!!
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आदरणीय 🙏
हटाएंसुन्दर सृजन
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार सर 🙏
हटाएंसहज सुन्दर
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा रविवार (१९-०७-२०२०) को शब्द-सृजन-३०'प्रार्थना/आराधना' (चर्चा अंक-३७६७) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
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अनीता सैनी
बहुत अच्छे छंद..।
जवाब देंहटाएंसवैया अब बहुत कम लोग लिख रहे हैं। आप का सवैयालेखन का कार्य सराहनीय है।
अभिनंदन आपका 🌺🍀🌺💐🍁
स्वागत डॉ. वर्षा सिंह जी 🙏 आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया ने लेखन का मान बढ़ाया । बहुत बहुत आभार ।
हटाएंदुर्मिल सवैये में लाजवाब प्रार्थना...
जवाब देंहटाएंवाह!!!!
आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से लेखन को सार्थकता मिली । बहुत बहुत आभार सुधा जी ।
हटाएंदुर्मिल सवैये में लाजवाब प्रार्थना...
जवाब देंहटाएंवाह
बहुत ही सुंदर प्रार्थना,सादर नमन मीना जी
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार कामिनी जी .मनोबल संवर्द्धन हेतु सहृदय आभार ।
हटाएंवाह बहुत ही सुंदर दुर्मिल सवैये! दोनों रचनाएं बहुत मोहक अभिनव सखी।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई।
आपकी सराहना सम्पन्न और स्नेहिल प्रतिक्रिया से अभिभूत हूँँ सखी.बहुत बहुत आभार ।
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