इन्तजार..और
प्यार करने का हक
उनका भी है
तभी तो क्वींसलैंड
के नीले समुद्री छोर पर
पर्यटकों का
इन्तज़ार करती हैं
डॉल्फिनस्...
लॉकडाउन उन्हें लगता है
इन्सान की नाराजगी
दबाये मुँह में ला रही हैं
सीप-शंख के साथ
लकड़ी के टुकड़े ...
मानो .. रूठे इन्सान को
मनाने की खातिर
उनकी तरफ से यह
दुर्लभ भेंट हो ...
वे नहीं जानती
कोरोना का प्रकोप
करती हैं
इन्तज़ार इन्सान का…
और..लौट जाती हैं
फिर से आने के लिए ...
इस उम्मीद के साथ
कि.. मना लेंगी
येन केन प्रकारेण
एक दिन इन्सान को...
अद्भुत और अकल्पनीय है ।
उनका निश्छल स्नेह...
🍁🍁🍁
【चित्र-गूगल से साभार】
bahut khub likha hai nice
जवाब देंहटाएंThank you so much for appreciating my poem .
हटाएंसार्थक विश्लेषण।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना।
सादर आभार सर 🙏
हटाएंसार्थक चित्र खींचा है प्राकृति, जीव और इंसान के रिश्ते के बीच ...
जवाब देंहटाएंशायद इन्सानौर संवेदनशील हो के निकले इस आपदा के बाद ... शायद ...
सुन्दर सारगर्भित प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार नासवा जी ।
हटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका ।
हटाएंइन्तज़ार इन्सान का…
जवाब देंहटाएंऔर..लौट जाती हैं
फिर से आने के लिए ...
इस उम्मीद के साथ
कि.. मना लेंगी
येन केन प्रकारेण
एक दिन इन्सान को...
बहुत खूब ,लाजबाब सृजन ,जीव और इंसानी रिश्तों का सुंदर चित्रण ,सादर नमन आपको
आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए आभार सहृदय धन्यवाद कामिनी जी ! सादर नमस्कार 🙏
हटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (26 -5 -2020 ) को "कहो मुबारक ईद" (चर्चा अंक 3713) पर भी होगी, आप भी सादर आमंत्रित हैं।
---
कामिनी सिन्हा
चर्चा मंच पर रचना साझा करने के लिए सादर आभार कामिनी जी ।
हटाएंसुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से लेखन को सार्थकता
हटाएंमिली ..सहृदय आभार अनुराधा जी ।
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार सर .
हटाएंवाह!बहुत ही सुंदर शब्द चित्र उकेरा है आपने आदरणीया मीना दीदी. लाजवाब 👌
जवाब देंहटाएंस्नेहिल ऊर्जावान प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता मिली बहुत बहुत आभार अनुजा। सस्नेह
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार(३०-०५-२०२०) को 'आँचल की खुशबू' (चर्चा अंक-३७१७) पर भी होगी
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
**
अनीता सैनी
चर्चा मंच पर रचना को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार अनीता जी ।
हटाएंइन्तज़ार इन्सान का…
जवाब देंहटाएंऔर..लौट जाती हैं
फिर से आने के लिए ...
इस उम्मीद के साथ
कि.. मना लेंगी
येन केन प्रकारेण
एक दिन इन्सान को...
बहुत खूब ,लाजबाब सृजन ,जीव और इंसानी रिश्तों का सुंदर चित्रण ,कुछ अलग ही अंदाज लिए शानदार रचना ,नमस्कार
इन्तज़ार इन्सान का…
जवाब देंहटाएंऔर..लौट जाती हैं
फिर से आने के लिए ...
इस उम्मीद के साथ
कि.. मना लेंगी
येन केन प्रकारेण
एक दिन इन्सान को...
बहुत खूब ,लाजबाब सृजन ,जीव और इंसानी रिश्तों का सुंदर चित्रण ,कुछ अलग ही अंदाज लिए शानदार रचना ,नमस्कार
आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया एवं उर्जावान उपस्थिति से लेखन का मान बढ़ा ज्योति जी । सादर नमस्कार 🙏🙏
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