महानगर ~
वैश्विक महामारी
सूनी डगर ।
भोर व सांझ ~
खिड़कियों से आती
काढ़े की गन्ध ।
जामुन गाछ~
बाल झुंड सिमटा
ग्रीष्म मध्याह्न ।
मध्य यामिनी ~
बालिका के हाथ में
केक व छुरी ।
खेत की मेड़~
बोझा सिर पे लादे
दृग छलकें ।
नदी में बाढ़ ~
तट पर मजमा
डूबती बस ।
वर्षा फुहार~
मेज पर थाली में
चाय पकौड़े ।
जीर्ण हवेली~
झरोखे के छज्जे पे
चील का नीड़ ।
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