चाँद -सितारे करते बातें ,
रात भी बहुत उदास है ।
थका हुआ मन बैठ ये सोचे ,
कितनी निकृष्ट बात है ।।
ऐसी भी क्या भूख ,
कि कुछ भी खा गया कोई ।
किसी एक की मूर्खता पर ,
सम्पूर्ण मनु सृष्टि रोई ।।
अपने मद में डूबा ,
बन गया कोई रक्तबीज ।
बिखरी है पूरी दुनिया में ,
उसके अहंकार की छींट ।।
उस रक्तबीज की बूंदें अब ,
लील रही हैं जिन्दगियाँ ।
राह नजर आती नहीं ,
विषम हो गई परिस्थितियाँ ।।
नवरात्रि पर्व के दिन है ,
तेरा आह्वान करते हैं ।
सिंहवाहिनी ,कष्टहारिणी !
वन्दन बारम्बार करते हैं ।।
तेरे क्षुद्र जीव हैं हम सब ,
माँ हम पर उपकार करो ।
छाये हैं संकट के बादल ,
रक्षा करो माँ कष्ट हरो ।।
★★★★
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 27 मार्च 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसांध्य दैनिक में रचना को साझा करने के लिए हृदयतल से सादर आभार यशोदा जी ।
हटाएंबहुत सही।
जवाब देंहटाएंमार्मिक रचना है आपकी।
हृदयतल से आभार सर !
हटाएंसामयिक रचना
जवाब देंहटाएंजी सादर आभार ।
हटाएंतेरे क्षुद्र जीव हैं हम सब ,
जवाब देंहटाएंमाँ हम पर उपकार करो ।
छाये हैं संकट के बादल ,
रक्षा करो माँ कष्ट हरो ।।
अब तो माँ से बस यही प्रार्थना हैं ,बहुत सुंदर मन को द्रवित कर गई आपकी रचना ,सादर नमन मीना जी
ऊर्जावान अनमोल प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से स्नेहिल आभार कामिनी जी ।
हटाएंऐसी भी क्या भूख ,
जवाब देंहटाएंकि कुछ भी खा गया कोई ।
किसी एक की मूर्खता पर ,
सम्पूर्ण मनु सृष्टि रोई
बहुत ही मर्मान्तक प्रश्न सखी ! इसी भूख ने सारी दुनिया को एक अप्रत्याशित संकट में डाल दिया है | माँ जगदम्बा सब पर कृपा करें | सुंदर रचना मीना जी , हमेशा की तरह | कल्याणकारी भावों से सजा सृजन | नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई |
स्नेहिल आभार सहित आपको भी नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएं रेणु जी ।
हटाएंउस रक्तबीज की बूंदें अब ,
जवाब देंहटाएंलील रही हैं जिन्दगियाँ ।
राह नजर आती नहीं ,
विषम हो गई परिस्थितियाँ ।।
बहुत सटीक समसामयिक सार्थक प्रार्थना
अब कष्टनिवारिणी माँ ही जगत का कल्याण कर सकती है।
आपकी अनमोल प्रतिक्रिया से सृजन का मान बढ़ा सुधा जी.. हार्दिक आभार ।
हटाएंSundar Rachna
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आदरणीय ।
हटाएंसामयिक रचना।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार विकास जी ।
हटाएंनमस्कार मीना जी
जवाब देंहटाएंआप के शब्द सहज और मौलिक है
जी नमस्कार🙏
हटाएंहार्दिक आभार सहित स्वागत आपका .