हिमानी पथ~
सैनिकों की टुकड़ी
कतारबद्ध ।
ऊषा लालिमा~
ब्रह्मपुत्र में जाल
डालता मांझी ।
कानन पथ~
अहेरी के कंधे पे
अन्न व जाल ।
गोधूलि बेला~
निज नीड़ लौटता
गौरेया जोड़ा
शुभ्र गगन ~
परवाजे भरता
श्वेत कपोत ।
सागर तट~
बचपन की यादें
सीप में मोती ।
श्रावण मास~
निशिथ में गूंजता
दादुर स्वर ।
★★★★★
सटीक सुंदर हाइकु ।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्राकृतिक बिंब।
हार्दिक आभार कुसुम जी ।
हटाएंउम्दा हाइकु
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार सर !
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार (13-03-2020) को भाईचारा (चर्चा अंक - 3639) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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आँचल पाण्डेय
चर्चा मंच पर सृजन को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार आँचल जी । सस्नेह...
हटाएंबहुत ही सुंदर भावों से सजा हाइकू ,सादर नमन आपको
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार कामिनी जी ...स्नेहिल नमस्कार🙏
हटाएंभाव बहते है इन पंक्तियों में
जवाब देंहटाएंकिसी निर्मल नदिया की तरह।
सराहना सम्पन्न ऊर्जावान प्रतिक्रिया से लेखन सफल हुआ रोहित जी । असीम आभार ।
हटाएंसुन्दर रचनाएँ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार विकास जी ।
जवाब देंहटाएंबढ़िया हाइकु
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार सर ।
हटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंलाजवाब हायकु
एक से बढ़कर एक...।
ऊर्जावान प्रतिक्रिया से लेखन को सार्थक मिली सुधा जी हार्दिक आभार ।
हटाएंवाह ... लाजवाब सटीक ...
जवाब देंहटाएंएक चित्र खड़ा करते हैं सभी हाइकू .।।
आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार नासवा जी ।
हटाएंएक से बढ़कर एक सटीक सौन्दर्यभाव का अनुभव कराते सभी हाइकु कमाल के मीना जी
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन करती ऊर्जावान प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार संजय जी ।
हटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (20-3-22) को "सैकत तीर शिकारा बांधूं"'(चर्चा अंक-4374)पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
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कामिनी सिन्हा
विशेष प्रस्तुति में मेरी रचनाओं का चयन हर्ष और गर्व का विषय है मेरे लिए.., बहुत बहुत आभार कामिनी जी!
जवाब देंहटाएंप्रकृति दर्शन करवाते सुंदर हाइकु।
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार !
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