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शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

"हाइकु"

सरसों फूल
तितली पंख पर
पराग कण

शीत पूर्वाह्न
पुष्प मकरंद पे
भ्रमर दल

ऊषा लालिमा
अधखिला कमल 
तड़ाग मध्य

चाँदनी रात 
धरा पर बिखरे 
हरसिंगार 

ऊषा लालिमा
वैद्य की पोटली में 
ढाक प्रसून


★★★★★

24 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर सृजन मीना सुंदर हाइकु ।

    जवाब देंहटाएं
  2. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (२५-०१-२०२०) को शब्द-सृजन-८ 'पराग' (चर्चा अंक-३६१२) पर भी होगी
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
    महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. चर्चा मंच के 'शब्द सृजन' में सृजन को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार अनीता जी ।

      हटाएं
  3. आनन्दमय अनुभूति
    जो महसूस की जा सकती है.
    बहुत बढिया हाइकू.

    आइयेगा- प्रार्थना

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. हार्दिक आभार रोहित जी । आपकी उपस्थिति से लेखन का मान बढ़ा । आपकी रचना प्रार्थना पढ़ी यही कहूंगी गूंज रहेगी उन भावों की मन में ।

      हटाएं

  4. वाह!! बहुत सी सुंदर हाइकु ,सादर नमन मीना जी

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सुन्दर सराहनीय प्रतिक्रिया से उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार
      कामिनी जी । सस्नेह वन्दे ।

      हटाएं
  5. ऐसे सृजन को पढ़ने और समझने का अपना ही आनंद है।
    सादर प्रणाम दी।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आभार शशि भाई । आपकी प्रतिक्रिया ने सृजन का मान बढ़ाया । सादर वन्दे भाई ।

      हटाएं
  6. वाह!!!
    बहुत ही सुन्दर हायकू
    लाजवाब

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी सुन्दर सराहनीय प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से आभार सुधा जी ।

      हटाएं
  7. बहुत सुंदर हाइकु सृजन।

    गहन अनुभूतियों को समेटे उत्कृष्ट हाइकु।
    बधाई एवं शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया से लेखन को सार्थकता मिली । हृदयतल से आभार रविन्द्र जी ।

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  8. हाइकु में सुगंध की सुगबुगाहट भरती पारगमय रचना।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार
      आ. पुरुषोत्तम जी ।

      हटाएं
  9. उत्तर
    1. आपने सराहना कर दी..लिखना सार्थक हुआ सखी । हार्दिक आभार ।

      हटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"