गोधूलि काललौटते निज नीड़थके पखेरूप्रिय मीना जी, गागर में सागर से बहुत प्यारे हाईकु 👌👌👌, अलग अलग भाव छोटे छोटे शब्द समूह में सिमट गए हैं, पूरी सार्थकता के साथ। आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें 🙏🙏🙏
आपका स्नेह ऐसे ही बना रहे 🙏🙏 .सृजन को मान देने के लिए बहुत बहुत आभार प्रिय रेणु जी ।
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 9.1.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3575 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी ।धन्यवाददिलबागसिंह विर्क
मेरी प्रस्तुति को मंच प्रदान करने के लिए हार्दिक आभार दिलबागसिंह जी ।
वाह!मीना जी ,खूबसूरत सृजन!
बहुत बहुत आभार शुभा जी ।
मीना दी, सभी हायकु बहुत बढ़िया हैं।
हार्दिक आभार ज्योति जी ।
प्रशंसनीय
हार्दिक आभार सर ।
बहुत उम्दा
हार्दिक आभार लोकेश नदीश जी ।
मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏 - "मीना भारद्वाज"
गोधूलि काल
जवाब देंहटाएंलौटते निज नीड़
थके पखेरू
प्रिय मीना जी, गागर में सागर से बहुत प्यारे हाईकु 👌👌👌, अलग अलग भाव छोटे छोटे शब्द समूह में सिमट गए हैं, पूरी सार्थकता के साथ। आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें 🙏🙏🙏
आपका स्नेह ऐसे ही बना रहे 🙏🙏 .सृजन को मान देने के लिए बहुत बहुत आभार प्रिय रेणु जी ।
हटाएंआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 9.1.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3575 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
मेरी प्रस्तुति को मंच प्रदान करने के लिए हार्दिक आभार दिलबागसिंह जी ।
जवाब देंहटाएंवाह!मीना जी ,खूबसूरत सृजन!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार शुभा जी ।
हटाएंमीना दी, सभी हायकु बहुत बढ़िया हैं।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार ज्योति जी ।
हटाएंप्रशंसनीय
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार सर ।
हटाएंबहुत उम्दा
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार लोकेश नदीश जी ।
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