बासंती बयार का चलना
कानन बीच पलाश का खिलना
वनाग्नि से वसुन्धरा ने
ताम्र वितान सजाया
मधुमास धरा पे छाया….
आम्रवृक्ष बौरों से लद गए
मलयानिल से प्रकृति महके
सरसों के पीले फूलों पे
भ्रमर झुंड इठलाया
मधुमास धरा पे छाया….
अमराइयों में कोयल कुहुके
उपवन सज गए पुष्प गुच्छ से
चंग थाप से गूंजी गलियां
रंगोत्सव आया
मधुमास धरा पे छाया….
★★★★★
सुन्दर सृजन.....
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार विकास जी ।
हटाएंआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 30.1.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3596 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
सृजन को चर्चा मंच पर मान देने के लिए सादर आभार दिलबाग सिंह जी । मंच की चर्चा में अवश्य उपस्थित रहूंगी।
हटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 30 जनवरी 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
'पांच लिंकों का आनन्द' में रचना को साझा करने के लिए हार्दिक आभार रविन्द्र जी ।
हटाएंऋतुराज का सुंदर चित्रण, प्रणाम दी।
जवाब देंहटाएंआपकी सराहनीय प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता मिली शशि भाई ! हार्दिक आभार ।
हटाएंसुन्दर।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार सर !
हटाएंआम्रवृक्ष बौरों से लद गए
जवाब देंहटाएंमलयानिल से प्रकृति महके
सरसों के पीले फूलों पे
भ्रमर झुंड इठलाया
मधुमास धरा पे छाया….
बहुत सुंदर भाव सरस सृजन मीना जी मोहक रचना ।
आपकी स्नेहसिक्त प्रतिक्रिया से सृजन का मान बढ़ा कुसुम जी !! हार्दिक आभार आपका ।
हटाएंमधुमास सा ही सुन्दर सरस अप्रतिम सृजन।
जवाब देंहटाएंआपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता मिली सुधा जी !! हार्दिक आभार आपका ।
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार अनीता जी ।
हटाएंसरसों के पीले फूलों पे
जवाब देंहटाएंभ्रमर झुंड इठलाया
मधुमास धरा पे छाया….
बहुत सुंदर मोहक रचना....मीना जी :(
बहुत बहुत आभार संजय जी । आपकी प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता मिली ।
जवाब देंहटाएंअमराइयों में कोयल कुहुके
जवाब देंहटाएंउपवन सज गए पुष्प गुच्छ से
चंग थाप से गूंजी गलियां
रंगोत्सव आया
मधुमास धरा पे छाया….वाह मीना जी शब्दों का ये मधुमास -- धरा के मधुमास सरीखा ही प्यारा है | सस्नेह |
आप जब भी आती हैं ब्लॉग पर..मन आल्हादित हो जाता है रेणु जी । आपकी ऊर्जावान सराहना से सृजन का मान बढ़ा । सस्नेह...
हटाएंसुन्दर मोहक रचना
जवाब देंहटाएंआपके उत्साहवर्धन के लिए हृदय से सादर आभार आदरणीया !
हटाएंबहुत सुंदर सृजन सखी 👌
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार सखी ।
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार सर!
हटाएंबहुत सुंदर ! होली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार सर! होली की आपको भी हार्दिक शुभकामनाएँ।
हटाएंहर समय के लिए मोहक सुंदर रचना मीना जी।
जवाब देंहटाएंभाव प्रणव सृजन।
रंगोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं।
हार्दिक आभार कुसुम जी ..आपकी सराहना भरी प्रतिक्रिया ने सृजन का मान बढ़ाया । रंगोत्सव की हार्दिक आपको भी शुभकामनाएँ।
हटाएंवनाग्नि से वसुन्धरा ने
जवाब देंहटाएंताम्र वितान सजाया
मधुमास धरा पे छाया….
पूरी रचना ने मन मोह लिया । बहुत सुंदर लिखा है ।इन पंक्तियों ने विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया ताम्र का रूपक बहुत सुंदर बन पड़ा है ।
हार्दिक आभार आपका ..आपकी सराहना भरी प्रतिक्रिया ने सृजन का मान बढ़ाया । रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ।
हटाएंबहुत सुंदर..
जवाब देंहटाएंसादर आभार सर ।
हटाएंबेहद मनमोहक सृजन।
जवाब देंहटाएंशब्द ने भाव विभोर किया
आदरणीया दी बेहद सुंदर रचना।
सादर।
आपकी सारगर्भित प्रतिक्रिया से लेखन को सार्थकता मिली । हार्दिक आभार श्वेता जी ।
हटाएंवाह!मीना जी ,बहुत मनमोहक रचना । होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाओं सहित हार्दिक आभार शुभा जी ।
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