बासंती बयार का चलना
कानन बीच पलाश का खिलना
वनाग्नि से वसुन्धरा ने
ताम्र वितान सजाया
मधुमास धरा पे छाया….
आम्रवृक्ष बौरों से लद गए
मलयानिल से प्रकृति महके
सरसों के पीले फूलों पे
भ्रमर झुंड इठलाया
मधुमास धरा पे छाया….
अमराइयों में कोयल कुहुके
उपवन सज गए पुष्प गुच्छ से
चंग थाप से गूंजी गलियां
रंगोत्सव आया
मधुमास धरा पे छाया….
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