"झड़बेरियों मे लदे बेरों सरीखे" वाह बहुत खूब
ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत आदरणीय 🙏 आपकी अनमोल प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक धन्यवाद ।
ज़िन्दगी में दोनों एहसास का होना जरूरी है ... कई बार एक ही स्वाद की अति ख़राब कर देती है मज़ा ...
सारगर्भित प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार नासवा जी ।
कड़वे और मीठे अहसासों से ही बनती है जिंदगी....और तब हम काबिल होते है दूसरों को जिंदगी जीने के गुण सिखाने के लिएसुन्दर रचना
सारगर्भित प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार अश्विनी जी ।
सार और भाव लिए उम्दा रचना रच दिये हो।पर कहते हैं कि कड़वे अहसास बगैर स्वाद के महत्व का पता नहीं चलता मीना जी।
जीवन का सार इन्हीं अहसासों में सिमटा हुआ। होता है रोहित जी ! बहुत बहुत आभार रचना सराहना हेतु ।
अनुभूत पलों में पगी खट्टी- मीठी जिन्दगीवाह!!!बहुत सटीक सार्थक लाजवाब सृजन।
आपकी सुन्दर सार्थक प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार सुधा जी ।
और बस..बन गईअनुभूत पलों में पगी खट्टी- मीठी जिन्दगीवाह!!!बहुत सुन्दर, सार्थक सारगर्भित सृजन।
उत्साहवर्धन के लिए सस्नेह आभार सुधा जी ।
बहुत खूब मीना जी जीवन इन्ही खट्टी मीठी यादों का पिटारा तो हैं ,चंद शब्दों में बहुत कुछ छिपा हैं ,सादर नमन आपको
हृदय की असीम गहराईयों से आभार कामिनी बहन आपकी अनमोल सराहना भरी प्रतिक्रिया का । सस्नेह वन्दे ।
काम शब्दों में बहुत ही सारगर्भित लेखन मीना दी।
बहुत बहुत आभार ज्योति बहन । आपकी प्रतिक्रिया सदैव उत्साहवर्धन करती है ।
आहा बड़े दिनों बाद कुछ ऐसा पढ़ा जिसका स्वाद , बचपन में मिलने वाली उन छोटी छोटी गोलियों जैसा हो---- खट्टा मिट्ठा चटकारे भरा और मन को सकूं देने वाला भी। ..ताज़गी भरा बधाई
आपकी सुन्दर सराहना भरी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभारज़ोया जी ।
जी नमस्ते,आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (10 -11-2019) को दोनों पक्षों को मिला, उनका अब अधिकार (चर्चा अंक 3516) पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित हैं….*****रवीन्द्र सिंह यादव
चर्चा मंच में मेरे सृजन को मान देने के लिए हार्दिक आभार रविन्द्र जी ।
वाहहह बेहतरीन प्रस्तुति
बहुत बहुत आभार अनुराधा जी ।
वाह !बेहतरीन सृजन आदरणीया मीना जी. सादर
उत्साहवर्धन के लिए स्नेहिल आभार अनीता जी ।
सुन्दर कृति,मैम। खट्टे मीठे अनुभवों से मिलकर ही तो ज़िन्दगी बनती है।
सही कहा आपने.., हौसला अफजाई के लिए हार्दिक आभार विकास जी
खट्टी मीठी यादों का पिटारा
हार्दिक आभार संजय जी !
बहुत खूब
हार्दिक आभार लोकेश जी ।
मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏 - "मीना भारद्वाज"
"झड़बेरियों मे लदे बेरों सरीखे" वाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत आदरणीय 🙏 आपकी अनमोल प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक धन्यवाद ।
हटाएंज़िन्दगी में दोनों एहसास का होना जरूरी है ... कई बार एक ही स्वाद की अति ख़राब कर देती है मज़ा ...
जवाब देंहटाएंसारगर्भित प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार नासवा जी ।
जवाब देंहटाएंकड़वे और मीठे अहसासों से ही बनती है जिंदगी....और तब हम काबिल होते है दूसरों को जिंदगी जीने के गुण सिखाने के लिए
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
सारगर्भित प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार अश्विनी जी ।
हटाएंसार और भाव लिए उम्दा रचना रच दिये हो।
जवाब देंहटाएंपर कहते हैं कि कड़वे अहसास बगैर स्वाद के महत्व का पता नहीं चलता मीना जी।
जीवन का सार इन्हीं अहसासों में सिमटा हुआ। होता है रोहित जी ! बहुत बहुत आभार रचना सराहना हेतु ।
हटाएंअनुभूत पलों में पगी खट्टी- मीठी जिन्दगी
जवाब देंहटाएंवाह!!!
बहुत सटीक सार्थक लाजवाब सृजन।
आपकी सुन्दर सार्थक प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार सुधा जी ।
हटाएंऔर बस..बन गई
जवाब देंहटाएंअनुभूत पलों में पगी खट्टी- मीठी जिन्दगी
वाह!!!
बहुत सुन्दर, सार्थक सारगर्भित सृजन।
उत्साहवर्धन के लिए सस्नेह आभार सुधा जी ।
हटाएंबहुत खूब मीना जी जीवन इन्ही खट्टी मीठी यादों का पिटारा तो हैं ,चंद शब्दों में बहुत कुछ छिपा हैं ,सादर नमन आपको
जवाब देंहटाएंहृदय की असीम गहराईयों से आभार कामिनी बहन आपकी अनमोल सराहना भरी प्रतिक्रिया का । सस्नेह वन्दे ।
हटाएंकाम शब्दों में बहुत ही सारगर्भित लेखन मीना दी।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार ज्योति बहन । आपकी प्रतिक्रिया सदैव उत्साहवर्धन करती है ।
हटाएंआहा
जवाब देंहटाएंबड़े दिनों बाद कुछ ऐसा पढ़ा जिसका स्वाद , बचपन में मिलने वाली उन छोटी छोटी गोलियों जैसा हो---- खट्टा मिट्ठा चटकारे भरा और मन को सकूं देने वाला भी। ..ताज़गी भरा
बधाई
आपकी सुन्दर सराहना भरी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार
हटाएंज़ोया जी ।
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (10 -11-2019) को दोनों पक्षों को मिला, उनका अब अधिकार (चर्चा अंक 3516) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं….
*****
रवीन्द्र सिंह यादव
चर्चा मंच में मेरे सृजन को मान देने के लिए हार्दिक आभार रविन्द्र जी ।
हटाएंवाहहह बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार अनुराधा जी ।
हटाएंवाह !बेहतरीन सृजन आदरणीया मीना जी.
जवाब देंहटाएंसादर
उत्साहवर्धन के लिए स्नेहिल आभार अनीता जी ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर कृति,मैम। खट्टे मीठे अनुभवों से मिलकर ही तो ज़िन्दगी बनती है।
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने.., हौसला अफजाई के लिए हार्दिक आभार विकास जी
हटाएंखट्टी मीठी यादों का पिटारा
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार संजय जी !
हटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार लोकेश जी ।
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