"मुक्तक"
( 1 )
मानव की यह आदत पुरानी है नई नहीं है ।।
सीखा नहीं कल से कुछ क्या ये सही है ।।
दिवास्वप्नों में खोया यह भी नही जानता ।
आने वाले कल की नींव आज पर धरी है ।।
(2)
तीखे तंज सहन करना सीख लोगे ।
समझो आधी दुनियां जीत लोगे ।।
वक्त सीखा देता है जीने का ढंग ।
मार्ग के कंटक भी स्वयं बीन लोगे ।।
(3)
सज़दे में झुकता सिर ऐसे शूरवीरों के आगे
कर देते तन-मन न्यौछावर मातृभूमि आगे
जन्म-मृत्यु के चक्र में बंधा हुआ हर कोई
मृत्यु भी नमन करती ऐसे वीरों के आगे
★★★
बहुत सुंदर और सार्थक मुक्तक!
जवाब देंहटाएंजीवन की बेहतरी के नुस्खे
अप्रतिम अभिव्यक्ति मीना जी।
आपकी उत्साहवर्धन प्रतिक्रिया सदैव प्रेरक होती है कुसुम जी।हृदयतल से आभार ।
हटाएंवाह..क्या सार लिये मुक्तक लिखे हैं दी..बहुत अच्छे हैं।
जवाब देंहटाएंतीखे तंज सहन करना सीख लोगे ।
समझो आधी दुनियां जीत लोगे ।।
वक्त सीखा देता है जीने का ढंग ।
मार्ग के कंटक भी स्वयं बीन लोगे ।
बहुत सराहनीय👍
ऊर्जात्मक सराहना के लिए हृदय से आभार श्वेता !
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (28-09-2019) को " आज जन्मदिन पर भगत के " (चर्चा अंक- 3472) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
चर्चा मंच पर मेरी रचना को साझा करने के असीम आभार प्रिय अनीता ।
हटाएंवीरों को सत सत नमन ,बहुत सुंदर गहरे भाव व्यक्त करती रचना मीना जी ,सादर
जवाब देंहटाएंसराहना भरी प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार सखी !
जवाब देंहटाएंतीखे तंज सहन करना सीख लोगे ।
जवाब देंहटाएंसमझो आधी दुनियां जीत लोगे ।।
वक्त सीखा देता है जीने का ढंग ।
मार्ग के कंटक भी स्वयं बीन लोगे ।।
hmmm..main nhi seekh paayi ab tak तीखे तंज सहन करना aur merii har smamsyaa ki jadh bhi yhii he....darshaati nhi...ye jatatai hun koi frk nhi pdhaa mujhe magr ...antrman ...man ke bheetar....ye tanj jehan bnaate jaate hain
hmmm
aur yhii jine ka dhang ban gya he
bahut hi achhe muktak he meena ji
bdhaayi swikaare
Sikhana aasaan Kahan hota hai Joya ji..seekh lenge tabhi to sukh se jeena sikh paayenge...bahut bahut aabhar snehil pratikriya ke liye.. yunhi Sneh banaayen rakhen.
हटाएंतीनों मुक्तक लाजवाब ... बात को प्रखरता से रखते हुए ...
जवाब देंहटाएंजीवन में हर चीज़ की आदद होनी अच्छी है ... तंज़ सह लेना और आगे बढ़ना ... यही जीवन है ...
आपकी सराहना भरी लेखन को सार्थकता देती प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार नासवा जी ।
हटाएंबहुत ही सुन्दर सार्थक सारगर्भित मुक्तक...
जवाब देंहटाएंवाह!!!
आपकी सराहना भरी लेखन को सार्थकता देती प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार सुधा जी ।
हटाएंजन्म-मृत्यु के चक्र में बंधा हुआ हर कोई
जवाब देंहटाएंमृत्यु भी नमन करती ऐसे वीरों के आगे
....गहरे भाव व्यक्त करते लाजवाब मुक्तक मीना जी
आपकी अनमोल प्रतिक्रिया लेखन को सार्थकता प्रदान करती है असीम आभार संजय जी ।
हटाएंHow To Make Money On Sports Betting
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