मीठे अहसास
ऊषा किरण
खिलती कलियाँ
वर्षा की बूंदें
उगता सा जीवन
अभिनन्दन करना
सीखो ना ....
कभी खट्टा सा
कभी मीठा सा
कड़वेपन का
अहसास लिए
अनुभूत क्षणों का
मिश्रित स्वाद
कभी चखने से
यूं डरो ना…
देखो सब के
अपने पल हैं
कुछ हँसते से
कुछ रूठे से
लहरों जैसा
गिरता उठता
मेघपुष्प सा
है जीवन
बाँहों में इसे
समेटो ना….
सोचें मेरी कुछ
पगली सी
तुम कुछ भी कहो
पर अपनी सी
रो कर जी लो
या कि हँस कर
जीना होगा
तुम को जीवन
फिर हँस कर
इसको जी लो ना….
★★★★★
कभी खट्टा सा
जवाब देंहटाएंकभी मीठा सा
कड़वेपन का
अहसास लिए
अनुभूत क्षणों का
मिश्रित स्वाद
कभी चखने से
यूं डरो ना…
वेदना और तिरस्कार से भरे हृदय को यह समझाना आसान नहीं होता, फिर भी ऐसी रचनाएँ उत्साह का संचार करने में समर्थ है।
आपकी लेखनी को नमन मीना बहन।
आपकी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार पथिक भाई ! आपको मेरी लिखी रचना अच्छी लगी..रचना को सार्थकता मिली...असीम आभार ।
हटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 01 सितंबर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसृजन को मान देने के हृदय से आभार आप का ।
हटाएंबेहतरीन सृजन दी
जवाब देंहटाएंसादर
स्नेहिल आभार अनु ।
हटाएंसार्थक सोच को प्रकट करती सुंदर भाव रचना मीना जी सहज गति से आगे बढ़ता सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंआपकी सराहनीय प्रतिक्रिया से रचना सार्थकता मिली कुसुम जी ! सस्नेह आभार ।
हटाएंभावनाओं का श-शब्द चित्रण ♥️ बहुत सुंदर ।
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रतिक्रिया के लिए सस्नेह आभार नीतू ।
हटाएंरो कर जी लो
जवाब देंहटाएंया कि हँस कर
जीना होगा
तुम को जीवन
फिर हँस कर
इसको जी लो ना…
सुन्दर शेली सुन्दर भावनाए क्या कहे शब्द नही है तारीफ के लिए
आपकी प्रतिक्रिया स्वरुप उपस्थिति ही बहुत बड़ी तारीफ है संजय जी...बहुत बहुत आभार ।
हटाएंजीवन जो भी है हर पल को जीता हुआ भाव है ...
जवाब देंहटाएंचाहे रो के चाहे हंस के इसे जीवन तो होता ही है ... जीवन के रंग बिखेरे हैं आपने शब्दों से ...
आपके सराहना भरे शब्दों से रचना को सार्थकता मिली नासवा जी... बहुत बहुत आभार ।
हटाएंरो कर जी लो
जवाब देंहटाएंया कि हँस कर
जीना होगा
तुम को जीवन
फिर हँस कर
इसको जी लो ना… बहुत ही सही लिखा आपने प्रिय मीना जी | जीवन को जीने की कला में ही इसकी सार्थकता निहित है | सस्नेह
प्रिय रेणु बहन उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार । सस्नेह...
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