बचपन से
मेरे साथ में
हर काम में
हर बात में
मेरी फ़िक्र में
मेरे साथ रहना
भाई ! मुझे
इतना है कहना
मेरे लिए एक
काम करना
दिल में सहेज कर
तेरे साथ रखना
बचपन की उन
यादों का गहना
बाँधू मैं तुझको
रेशम के धागे
मांगू मैं मन्नत
उस रब के आगे
खुशियों भरा हो
संसार तेरा
संसार तेरा
★★★★★
भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को मजबूत प्रेम पूर्ण आधार देता है रक्षाबंधन का त्योहार
जवाब देंहटाएंहृदय से असीम आभार संजय जी । आपको रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँँ एवं बधाई ।
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 15 अगस्त 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएं"पांच लिंकों का आनन्द" में रचना को सम्मिलित करने के लिए बहुत बहुत आभार रविन्द्र जी ।
हटाएंब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 14/08/2019 की बुलेटिन, "73 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति कोविंद का राष्ट्र को संबोधन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंसृजन को ब्लॉग बुलेटिन के संकलन में सम्मिलित करने के लिए बहुत बहुत आभार शिवम् जी ।
हटाएंबाँधू मैं तुझको
जवाब देंहटाएंरेशम के धागे
मांगू मैं मन्नत
रब के आगे
खुशियों भरा
हो संसार तेरा
भाई के लिए बहन के प्रेम को दर्शाती रक्षा बंधन के त्यौहार ककी सार्थकता बताती बहुत ही लाजवाब प्रस्तुति...
रचना को सार्थकता देती प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार सुधा जी !सस्नेह..
हटाएंएक बहन के लिए भाई का स्नेह प्रकृति का बहुमूल्य उपहार होता है। सुंदर और पवित्र भावों के धागे से बनी राखी तैयार किया है आपने मीना दी।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना।
स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार श्वेता ।
हटाएंबेहतरीन सृजन दी |भाई बहन का पवित्र स्नेह प्रकृति प्रदत सर्वपरी है| स्नेह का एक धागा अंतस्थ में सुकून का संचार करता है अपने पन एहसास हृदय में घोल देता है |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भाव
सादर
स्नेहमयी प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार अनु !
हटाएंबाँधू मैं तुझको
जवाब देंहटाएंरेशम के धागे
मांगू मैं मन्नत
रब के आगे
खुशियों भरा
हो संसार तेरा
आँचल के अपने
छोर से
मैने बाँध रखा
नेह तेरा.... बेहद खूबसूरत रचना प्रिय मीना जी
हृदय से आभार अनुराधा जी ।
हटाएंबहुत प्यारा सृजन मीना जी, गहरे अहसास लिए, भाई बहन का अनुपम रिश्ता,
जवाब देंहटाएंअभिनव आपकी अभिव्यक्ति।
हौसला अफजाई के लिए तहेदिल से आभार कुसुम जी ।
हटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (5 -8 -2020 ) को "एक दिन हम बेटियों के नाम" (चर्चा अंक-3784) पर भी होगी,आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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कामिनी सिन्हा
बहुत बहुत आभार कामिनी जी मेरी रचना को राखी पर्व विशेषांक में सम्मिलित करने हेतु ।
हटाएंबाँधू मैं तुझको
जवाब देंहटाएंरेशम के धागे
मांगू मैं मन्नत
उस रब के आगे
खुशियों भरा हो
संसार तेरा
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति सखी बेहतरीन रचना 👌
स्नेहिल आभार सखी 🙏
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