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अनवरत भाग-दौड़ कभी खुद के पैरों पर खड़े होने की
जद्दोजहद तो कभी सब की अंगुली थाम कारवाँ के साथ
चलने की मशक्कत …, जीवन बीता जा रहा रहा था
गाड़िया लुहारों जैसा.. आज यहाँ-कल वहाँ । मेरे साथ
मेरे हम कदम बन भागते दौड़ते तुम ….., कब
Oasis की पहचान करना खुद सीख गए और कब उनकी
उपयोगिता मुझे सीखाते चले गए भान ही नही हुआ ।
कभी किसी उपन्यास में खुद को डुबोये एक ख्वाब देखा था इन्द्रधनुषी तितली सा ...जो कल्पित होते हुए भी मेरी आँखों
में जीवन्त था अपनी पूरी सम्पूर्णता के साथ…, उस ख्वाब
को मैं भूल गई थी किसी उपन्यास के बीच दबाये
नोट की तरह । कभी फुर्सत के पलों में वह ख्वाब मैने
तुम से साझा किया था … आज वही पुराना उपन्यास तुमने
मेरी खुली हथेली पर रख दिया है…और इन्द्रधनुषी तितली
पंख फैलाये मेरी आँखों के सामने साकार है अपनी
पूरी जीवन्तता के साथ । थैंक्स...थैंक्स अ लॉट !!!
तुम्हारे नेह की मैं ऋणी रहूँगी युगों… युगों तक ।
**********
अनवरत भाग-दौड़ कभी खुद के पैरों पर खड़े होने की
जद्दोजहद तो कभी सब की अंगुली थाम कारवाँ के साथ
चलने की मशक्कत …, जीवन बीता जा रहा रहा था
गाड़िया लुहारों जैसा.. आज यहाँ-कल वहाँ । मेरे साथ
मेरे हम कदम बन भागते दौड़ते तुम ….., कब
Oasis की पहचान करना खुद सीख गए और कब उनकी
उपयोगिता मुझे सीखाते चले गए भान ही नही हुआ ।
कभी किसी उपन्यास में खुद को डुबोये एक ख्वाब देखा था इन्द्रधनुषी तितली सा ...जो कल्पित होते हुए भी मेरी आँखों
में जीवन्त था अपनी पूरी सम्पूर्णता के साथ…, उस ख्वाब
को मैं भूल गई थी किसी उपन्यास के बीच दबाये
नोट की तरह । कभी फुर्सत के पलों में वह ख्वाब मैने
तुम से साझा किया था … आज वही पुराना उपन्यास तुमने
मेरी खुली हथेली पर रख दिया है…और इन्द्रधनुषी तितली
पंख फैलाये मेरी आँखों के सामने साकार है अपनी
पूरी जीवन्तता के साथ । थैंक्स...थैंक्स अ लॉट !!!
तुम्हारे नेह की मैं ऋणी रहूँगी युगों… युगों तक ।
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प्यार जताने से विश्वास की लौ बढ़ती है
जवाब देंहटाएंजिसकी चमक आंखो में दिखाई देती है
हर एक पंक्ति दिल से शुरू हो कर दिल पे ही दस्तक देती है.....एक सुखद अहसास की भांति
आपकी प्रतिक्रिया सदैव लेखनी को सम्बल देती है । हृदयतल
हटाएंसे बहुत बहुत आभार संजय जी ।
बहुत प्यारी अभिव्यक्ति सुनहरे एहसास समेटे मन के कोमल भाव स्नेह स्पर्श से फिर महक उठे।
जवाब देंहटाएंआपकी स्नेहमयी प्रतिक्रिया से लेखन को सम्बल मिलता है कुसुम जी । हृदय से स्नेह सहित आभार ।
हटाएंबेहतरीन सृजन 👌
जवाब देंहटाएंसादर
स्नेह सहित हृदय से आभार अनीता जी ।
हटाएंव्वाहहहह...
जवाब देंहटाएंबढ़िया...
उत्साहवर्धन करती आपकी प्रतिक्रिया से लेखन को सार्थकता मिली । बहुत बहुत आभार , सादर .
हटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार विश्वमोहन जी ।
हटाएंप्रेम इंसान को कई बार हवा पे सवार कर देता है और दूसरी दुनिया ले जाता है ... प्रेम का साथ सदा बना रहे तो जीवन भी आसान हो जाता है ...
जवाब देंहटाएंहौसला अफजाई करती प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से आभार नासवा जी ।
जवाब देंहटाएंअप्रतीम लेखन !!!
जवाब देंहटाएंमुझे आपसे हमेशा सीखने का मौका मिलता रहा है आपका तहे दिल से शुक्रिया 🙏😇 !!
यह आपका बड़प्पन है बहना ! आभार सराहना के लिए ।
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