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बुधवार, 29 मई 2019

"वर्ण पिरामिड"

(1)

ये
सूर्य
रश्मियाँ
रंग ढली
हो एकाकार
उर्जित करती
वसुधा कण कण


(2)

ये
गिरि
कानन
जलस्रोत
दुर्लभ भेंट
ईश-प्रकृति की
चैतन्य जगत को

(3)

काले
बदरा
रिमझिम
बरसो अब
तुझको तकती
बेकल हो धरती


xxxxx

24 टिप्‍पणियां:

  1. कुछ शब्दों में अपनी बात कहते हुए लाजवाब ...वर्ण पिरामिड"
    वैसे मीना जी आपका ब्लॉग पढ़ते पढ़ते वर्ण पिरामिड, ताँका,
    त्रिवेणी ,के बारे समझ आने लगा है

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    उत्तर
    1. आपकी सराहना भरी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार
      संजय जी । आप मुझसे बेहतर लिखेंगे विश्वास है मुझे फिर आज की प्रतिक्रिया के अनुसार आपकी गुरु बनने का श्रेय मेरे हिस्से में आएगा :-) त्रिवेणी मैने गुलजार की पुस्तक "त्रिवेणी" पढ़ कर सीखी ।

      हटाएं
  2. उत्तर
    1. आपकी अनमोल प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार ।

      हटाएं
  3. हार्दिक आभार विकास जी ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहद प्यारी वर्ण पिरामिड सखी ,सादर

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया के लिए स्नहेहिल आभार सखी..

      हटाएं
  5. जी नमस्ते,

    आपकी लिखी रचना शुक्रवार ३१ मई २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    उत्तर
    1. 'पांच लिंकों का आनन्द'में 'वर्ण पिरामिड'साझा करने के लिए हृदय से आभार श्वेता जी ।

      हटाएं
  6. वाह ! प्रिय सखी बेहतरीन 👌
    सादर

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. हृदय से आभार प्रिय अनीता । आपकी प्रतिक्रिया सदैव उत्साहवर्धित करती है । सस्नेह...

      हटाएं
  7. वाह वाह मीना जी सार्थकता समेटे शानदार वर्ण पिरामिड।
    अप्रतिम सुंदर।

    जवाब देंहटाएं
  8. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (01 -06-2019) को "तम्बाकू दो छोड़" (चर्चा अंक- 3353) पर भी होगी।

    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।

    आप भी सादर आमंत्रित है

    ….
    अनीता सैनी

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  9. चर्चा मंच पर मेरे सृजन को चर्चा में स्थान देने के लिए सहृदय आभार अनीता जी ।

    जवाब देंहटाएं
  10. वर्णपिरामिड द्वारा कम शब्दों में अपनी बात रखना...सच में बहुत ही उच्च स्तरीय सृजन...मीना दी।

    जवाब देंहटाएं
  11. बेकल धरती की प्यास बुझाने आयेंगे बादल ....
    अभी इम्तिहान ले रहे हैं ...

    जवाब देंहटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"