top hindi blogs

Copyright

Copyright © 2024 "मंथन"(https://www.shubhrvastravita.com) .All rights reserved.

मंगलवार, 2 अप्रैल 2019

“पुष्प” (तांका)


फूलों की बात
जब छिड़ ही गई
लम्बी चलेगी
अनुराग जगाते
आकर्षित करते

बेला के फूल
मादक सी महक
श्वेताभ आभा
श्रृंगारित वेणियाँ
सजती  युवतियाँ

मनमोहक
भरे राग उर में
ओस में भीगी
कलियाँ गुलाब की
चक्षु तृप्ति भरती

तारों की छाँह
चाँदनी में झरते
हरसिंगार
उडुगण के जैसे
वसन वसुधा के

xxxxx

22 टिप्‍पणियां:

  1. वाह!!!
    बहुत सुन्दर... लाजवाब।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर ताके....ओस में भीगी
    कलियाँ गुलाब की... दिल में उतर गई मीना जी :)

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर ताँका प्रस्तुति मीना जी ।

    जवाब देंहटाएं
  4. ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 02/04/2019 की बुलेटिन, " २ अप्रैल को राकेश शर्मा ने छुआ था अंतरिक्ष - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. ब्लॉग बुलेटिन में मेरे सृजन को शामिल करने के लिए सादर आभार शिवम् जी ।

      हटाएं
  5. बहुत सुंदर। शब्द बोलते हैं! क्या खूब बोलते हैं!। आपको बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही सुन्दर हैं सभी तांका ... फूलों की महक से गूंथे हुए ...

    जवाब देंहटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"