चाहे भले लगे या बुरे लगे ,
मेरे उसूल कुछ हैं तो हैं ।
राहें भले ही हो कैसी भी ,
चलना इन पर मुझ को ही है ।
कायम की राय गर समझ बूझ ,
परिणाम मेरे अपने ही हैं ।
फिसल गया कभी पैर कहीं ,
तो टूटन का फिर दुख क्यों है ।
रोने से नही कुछ भी हासिल ,
मेरे सिद्धांत कुछ ऐसे ही है ।
चल उठ संभल और बढ़ आगे ,
निर्णय ये खुद मेरे ही है ।
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जय मां हाटेशवरी.......
जवाब देंहटाएंआप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
31/03/2019 को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में......
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
"पांच लिंकों का आनंद" मेरी रचना को साझा करने के निमन्त्रण के लिए सादर आभार कुलदीप जी ।
हटाएंगिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में
जवाब देंहटाएंवो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो. घुटनों के बल चलें.
मन अभिभूत हुआ इतनी सुन्दर प्रतिक्रिया पा कर 🙏🙏 तहेदिल से शुक्रिया ।
हटाएंवाह ....
जवाब देंहटाएं..लाजवाब आदरणीया
तहेदिल से आभार रविंद्र जी ।
जवाब देंहटाएंरोने से नही कुछ भी हासिल ,
जवाब देंहटाएंमेरे सिद्धांत कुछ ऐसे ही है ।
बहुत खूब...
वाह!!!
बहुत बहुत आभार सुधा जी । सस्नेह ।
हटाएंवाह बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार ऋतु जी ।
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंसादर आभार जोशी जी ।
हटाएंबहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंअसूल हैं तो हैं फिर अच्छा बुरा क्या सोचना ... क्या हारना, थक के बैठना ... अच्छी रचना है ...
सारगर्भित अनमोल प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार नासवा जी ।
हटाएंवाह !बहुत ख़ूब 👌
जवाब देंहटाएंसादर
सहृदय आभार अनीता जी ।
हटाएंब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 30/03/2019 की बुलेटिन, " सांसद का चुनाव और जेड प्लस सुरक्षा - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन में मेरी रचना शामिल करने के लिए सादर आभार शिवम् जी ।
हटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंहृदय से आभार पम्मी जी ।
हटाएंक्या बात है, बहुत खूब। बहुत सही।
जवाब देंहटाएंहौसला अफजाई के लिए तहेदिल से आभार विरेन्द्र जी ।
हटाएंरोने से नही कुछ भी हासिल ,
जवाब देंहटाएंमेरे सिद्धांत कुछ ऐसे ही है ।
चल उठ संभल और बढ़ आगे ,
निर्णय ये खुद मेरे ही है ।
प्रेरित करती हुई पंक्तियाँ।
अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार विकास जी।
हटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार ओंकार जी ।
हटाएंआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" l में लिंक की गई है। https://rakeshkirachanay.blogspot.com/2019/04/115.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएं"मित्र मंडली" में मेरी रचना साझा करने के लिए सादर आभार राकेश जी ।
हटाएंवाहह्हह.. सुंदर सकारात्मक सृजन मीना जी👍
जवाब देंहटाएंसराहना भरी प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से आभार श्वेता जी
हटाएंअपने आप में स्थर रहना दृढ़ता से ये भी उसूल ही है सुंदर भाव रचना मीना जी।
जवाब देंहटाएंउत्साहित करते वचनों के लिए सस्नेह आभार कुसुम जी ।
हटाएंवाह! बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंसादर आभार विश्वमोहन जी ।
हटाएंरोने से नही कुछ भी हासिल ,
जवाब देंहटाएंमेरे सिद्धांत कुछ ऐसे ही है ।
चल उठ संभल और बढ़ आगे ,
निर्णय ये खुद मेरे ही है ।
सुन्दर सृजन।
बहुत बहुत आभार विकास जी ।
जवाब देंहटाएंरोने से नही कुछ भी हासिल ,
जवाब देंहटाएंमेरे सिद्धांत कुछ ऐसे ही है ।
चल उठ संभल और बढ़ आगे ,
निर्णय ये खुद मेरे ही है ।
पंक्तियाँ प्रेरित करती हुई बहुत खूब!
हौसला अफजाई के लिए हृदयतल से आभार संजय जी ।
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