माटी का रंग सुर्ख है….,
वसन्त में किसने बिखेर दिए
अनगिनत पलाश के फूल
ठूंठ से गाछ
धूसर सी फिजायें..,
यकायक कहीं आवाज गूँजी
एक घृणित साजिश में....,
मातृभूमि के रक्षक….,
शहीद हुए …, घायल हुए…,
मातृभूमि के रक्षक….,
शहीद हुए …, घायल हुए…,
जब से सुनी है यह बात
मन व्यथित और उदास है
सवाल बहुत हैं मन में
मगर जवाब किस के पास है
टूटते क्यों नही वे हाथ
जो नर संहारी जाल बुनते हैं
अनुत्तरित से सवाल जब
देखो मन मथते हैं
बलिदानी थे वो वीर
माटी का कर्ज उतार चले
अखण्ड रहे भारत का सम्मान
कर न्यौछावर वे अपने प्राण चले
पुलवामा मे शहीद हुए CRPF के जवानों को अश्रु पूरित श्रद्धांजलि 🙏🙏
भारत देश के वीर सैनिकों को शत शत नमन। उनकी शहादत का यह देश कर्जदार है। आज हम अपने घरों में निश्चिंत होकर सांस ले पा रहे हैं इनकी वजह से। देश का सिपाही होना गर्व की बात है। आपकी इस कविता के माध्यम से उनको श्रद्धांजलि देने का प्रयास अति उत्तम है...वीर शहीदों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि,
जवाब देंहटाएंमन बहुत व्यथित है संजय जी ! जब से यह news देखी तब से अनगिनत बार वही दृश्य घूमते रहे हैंं दिमाग में । व्यथा के साथ ना जाने कितने प्रश्न मन मे ंंकौंधतेंं हैं । उनके परिजनों के दुख को कौन कम कर सकता है । आपने सही कहा वास्तव में उनकी शहादत के हम कर्जदार हैं ।
हटाएंसादर नमन ....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना आदरणीया
सादर आभार रविन्द्र जी ।
हटाएंटूटते क्यों नही वे हाथ
जवाब देंहटाएंजो नर संहारी जाल बुनते हैं
अनुत्तरित से सवाल जब
देखो मन मथते हैं
बलिदानी थे वो वीर
माटी का कर्ज उतार चले
कल जब हर कोई प्रेम दिवस मानाने में मस्त था ,उस वक़्त भारत माँ ने अपने कुछ अनमोल रत्न खो दिए ,उनका इस तरह से शहीद हो जाना आत्मा को झकझोर कर रख दिया ,भगवान उनके परिजनों को ये दुःख सहने की हिम्मत दे ,हम तो और कुछ कर नहीं सकते बस आश्रु के रूप में दो श्रद्धा सुमन चढ़ा सकते है।
आपने सही कहा कामिनी जी ,इस तरह के कुकृत्य आत्मा झकझोर जाते हैं । अश्रुपूरित श्रद्धा सुमन ही अर्पित कर पाते हैं हम सब ।
हटाएंआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 75वीं पुण्यतिथि - दादा साहेब फाल्के और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को ब्लॉग बुलेटिन मेंं सम्मिलित कर मान देने के लिए हार्दिक आभार हर्षवर्धन जी ।
हटाएंभावपूर्ण अभिव्यक्ति |
जवाब देंहटाएंआपकी उपस्थिति ने मान बढ़ाया सृजन का , सादर आभार!
हटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंहृदयतल से आभार अनुराधा जी !!
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 14 फरवरी 2023 को साझा की गयी है
जवाब देंहटाएंपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
पाँच लिंकों का आनन्द में सृजन को सम्मिलित करने के लिए आपका सादर आभार 🙏
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