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गुरुवार, 24 जनवरी 2019

“कैसे कह दूँ”

बीते लम्हों के हर पल से,
यादों के जुड़े हैं तार..,कैसे कह दूँ ?
कुछ याद नही…..,

रेशम से उलझे रिश्तों में,
गाँठ लगी कई बार..,कैसे कह दूँ ?
कुछ याद नही……,

घर-आंगन सी जुड़ी अल्हड़ यादें,
बातें  हैं बेशुमार..,कैसे कह दूँ ?
कुछ याद नही…..,

स्मृति की गठरी में बँधी बातें,
खुलती हैं कई बार…, कैसे कह दूँ ?
कुछ याद नहीं …….,


                       XXXXX

25 टिप्‍पणियां:

  1. यादें टिस देती है कुछ भूलने नही देती.
    गजब.
    एक ऐड आपके टेक्स्ट को छुपा रहा है कृपया सेटिंग सही कर लेवें.पढने में दिक्कत आती है.

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  2. बहुत बहुत आभार रोहित जी । आप कौनसा browser use करते हैं बताने का कष्ट करें मैं कमी पकड़ नही पा रही हूँ जो ऐड टेक्स्ट छुपा रहा है वो भी बता देंगे तो मेरा काम और आसान हो जाएगा । यह त्रुटि बताने के लिए हृदय से धन्यवाद ।

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  3. उत्तर
    1. अभी शायद आपको ठीक हो गया होगा । प्रयास तो किया है..., Thanks again Rohit ji .

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  4. बीते लम्हों के हर पल से,
    यादों के जुड़े हैं तार..,कैसे कह दूँ ?
    बीते लम्हों के पलों को सहेजना भी आवश्यक होता है कभी कभी....ज़िन्दगी के फलसफो को बताती सूंदर रचना

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    उत्तर
    1. आपकी प्रतिक्रिया सदैव लेखनी को सार्थकता देती है संजय जी । आपसे सहयोग चाहूँगी कृपया बताएगा अभी भी कोई ऐड टेक्स्ट पर आ रहा है क्या ....या अभी ठीक हो गया । मेरे पास सही दिखने के कारण गलती पकड़ मेंं नही आ रही ।

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  5. रेशम से उलझे रिश्तों में,
    गाँठ लगी कई बार..,कैसे कह दूँ ?
    कुछ याद नही……,
    बहुत ही सुन्दर....
    लाजवाब प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत सारा आभार सुधा जी आपकी प्रतिक्रिया से रचना को सार्थकता मिली और मुझे खुशी आपकी उपस्थिति सदैव उत्साहवर्धन करती है ।
      सस्नेह ।

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  6. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार २५ जनवरी २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    1. तहेदिल से आभार श्वेता जी इस निमन्त्रण के लिए ।

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  7. ब्लॉग बुलेटिन टीम की और मेरी ओर से आप सब को राष्ट्रीय बालिका दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं|


    ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 24/01/2019 की बुलेटिन, " 24 जनवरी 2019 - राष्ट्रीय बालिका दिवस - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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    उत्तर
    1. ब्लॉग बुलेटिन टीम और आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं शिवम् जी । मेरी पोस्ट दिनांक 24/01/2019 की बुलेटिन में स्थान देने के लिए सादर आभार !!

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  8. घर-आंगन सी जुड़ी अल्हड़ यादें,
    बातें हैं बेशुमार..,कैसे कह दूँ ?
    कुछ याद नही…..,
    वाह शानदार रचना

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    उत्तर
    1. आपकी उपस्थिति और हौसला अफजाई सदैव रचना को सार्थकता और मुझे संबल देती है । हार्दिक आभार अनुराधा जी !

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  9. वाह! उमड़ पड़ी कितनी उम्मीदें
    बहा दिया जो आपने सोता
    स्मृतियों का सुहाना
    गुनगुनाकर यह तराना
    ..... कैसे कह दूं!

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    उत्तर
    1. आपकी सराहनीय प्रतिक्रिया ..., लेखन सफल हुआ । हार्दिक आभार विश्वमोहन जी !

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  10. यूं ही होता जब बंद किताब के पन्ने पलटते
    यादों के सिलसिले ठहरे रूके फिर चलते
    गम और खुशी तो हिस्सा है जिंदगी का
    सदा साथ साथ चलते
    कभी आंसू और कभी मुस्कान बन बिखरते।

    बहुत सुंदर रचना मीना जी बहुत ही सुंदर भावों से रची बसी।
    सस्नेह।


    

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    उत्तर
    1. आपकी उपस्थिति सदैव खुशी भरा अहसास देती है...., स्नेह सहित अति आभार कुसुम जी !

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  11. बहुत सुंदर..... रचना मीना जी ,यादें बड़ी अनमोल होती है... सादर स्नेह

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    उत्तर
    1. स्नेहिल उत्साहवर्धन के लिए हृदय से आभार कामिनी जी !

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  12. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  13. छोटी रचना लेकिन बेहद सटीक। हृदय को छूती प्रत्येक पंक्ति। कुछ यादें सदैव हमारे साथ रहती हैं..और हमारे साथ ही जीती है।

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    उत्तर
    1. स्वागत आपका ब्लॉग पर ..., सारगर्भित अनमोल प्रतिक्रिया के लिए हृदय से धन्यवाद प्रकाश जी !

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  14. उत्तर
    1. आपकी उत्साहवर्धक अनमोल प्रतिक्रिया के लिए आभारी हूँ रविन्द्र जी !

      हटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"