नैन हमारे तकते राहें ,जाने तुम आओगे कब तक ।
जाओ तुम से बात करें क्यों , साथ हमारा दोगे कब तक ।।
ना फरमानी फितरत पर हम , बोलो क्योंकर गौर करेंगे ।
तुम ही कह दो जो कहना है , हम से और लड़ोगे कब तक ।।
बेमतलब यूं दुख देने का , हुनर कहाँ से तुमने पाया ।
मेरी तो आदत ऐसी ही , तुम ये बात कहोगे कब तक ।।
छोड़ो हठ करने की आदत , काम कई हैं करने बाकी ।
घर अपना है जग अपना है , तुम ये सब समझोगे कब तक ।।
जीवन नैया बिन नाविक के , बोलो पार करोगे कैसे ।
बहते दरिया के पानी को , बाँधों से रोकोगे कब तक ।।
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ना फरमानी फितरत पर हम , बोलो क्योंकर गौर करेंगे ।
जवाब देंहटाएंतुम ही कह दो जो कहना है , हम से और लड़ोगे कब तक !!!!!!!!
अत्यंत भावपूर्ण पंक्तियाँ हैं सभी | हार्दिक बधाई प्रिय मीना जी |
रेणु जी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से धन्यवाद ।
हटाएंसुस्वागतम मीना जी |
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 18 सितम्बर 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंइस मान भरे निमंत्रण के लिए हृदयतल से आभार आपका आदरणीय 🙏🙏
हटाएंवाह वाह अद्भुत क्या कहने..... भारद्वाज जी उत्तम सृजन
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद सराहनीय प्रतिक्रिया के लिए नवीन श्रोत्रिय जी ।
हटाएंवाह बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद अनुराधा जी ।
हटाएंबहुत सुन्दर ....भावपूर्ण रचना....
जवाब देंहटाएंवाह!!!
बेहद प्रसन्नता हुई आपकी सराहनीय प्रतिक्रिया पाकर, आभार सुधा जी ।
हटाएंसुना है खुद को बहुत छलकाए जा रहे हो
जवाब देंहटाएंदरिया बन ही जानी है खुद के पानी से
यूँ तो खुला बहोगे कब तक.
बेहद लाजवाब प्रस्तुती.
धन्यवाद रोहिताश्व जी ।
हटाएंबहुत सुंदर रचना मीना जी..👌
जवाब देंहटाएंआभार श्वेता जी ।
हटाएंबहुत सुंदर रचना। सरल भोली भावनाओं को शब्दबद्ध कर दिया है। बेहतरीन।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद मीना जी ।
हटाएंसच है ... दरिया के पानी को रोकना आसान नहीं होता ...
जवाब देंहटाएंनिकल आता है तट तोड़ कर ...
हर शेर में गज़ब अंदाज़ ...
उत्साहवर्धन हेतु तहेदिल से धन्यवाद नासवा जी ।
हटाएंवाह वाह सुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद डॉ. राजीव जी ।
हटाएंजीवन नैया बिन नाविक के , बोलो पार करोगे कैसे ।
जवाब देंहटाएंबहते दरिया के पानी को , बाँधों से रोकोगे कब तक ।।.... बहुत सुंदर
"अटूट बंधन" आपका हृदयतल से धन्यवाद 🙏🙏 आपकी प्रतिक्रियाएं सदैव मनोबल बढ़ाती हैं ।
हटाएंबहुत ही उम्दा
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार लोकेश नदीश जी ।
हटाएंसोचा की बेहतरीन पंक्तियाँ चुन के तारीफ करून... मगर पूरी नज़्म ही शानदार है ...आपने लफ्ज़ दिए है अपने एहसास को... दिल छु लेने वाली रचना ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद संजय जी आपकी सराहनीय और मनोबल बढ़ाने वाली प्रतिक्रिया के लिए ।
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