नील गगन आंगन में तारे ।
निशदिन हम को तकते सारे ।।
सोचूं इक दिन इनको जानूं ।
मन की सब बातें पहचानूं ।।
सोचा मैं अम्बर पर जाऊं ।
तारों की झोली भर लाऊं ।।
टकेंगे जब चूनर पर सारे ।
जुगनूु छुप जायेंगे सारे ।।
चूनर ओढ़ेगी जब सजनी ।
शर्मायेगी देख के रजनी ।।
चाँद धरा के ऊपर होगा ।
तरुणी मुख चन्दा सम होगा ।।
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बहुत ही सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंसपने में इंसान की उड़ान कहाँ से कहाँ पहुँच जाती है ...
हर छंद कमाल है ...
बहुत बहुत आभार नासवा जी ।
हटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अनुराधा जी ।
हटाएंसुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंतहेदिल से धन्यवाद रोहिताश्व जी ।
हटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति ,
जवाब देंहटाएंहिन्दीकुंज,हिंदी वेबसाइट/लिटरेरी वेब पत्रिका
अभिव्यक्ति सराहना के लिए हृदयतल से धन्यवाद आशुतोष जी ।
जवाब देंहटाएंमीना दी, सपनों की उड़ान का बहुत ही सुंदर चित्रण किया हैं आपने।
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रतिक्रिया के लिए आपका हृदयतल से धन्यवाद ज्योति ।
हटाएंबहुत उम्दा
जवाब देंहटाएंआभार लोकेश जी ।
हटाएंबड़ी खूबसूरती से कही अपनी बात आपने.....
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से धन्यवाद संजय जी ।
हटाएंचूनर ओढ़ेगी जब सजनी ।
जवाब देंहटाएंशर्मायेगी देख के रजनी ।।... बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति मीना जी
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार सतीश सही जी ।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है. https://rakeshkirachanay.blogspot.com/2018/08/84.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआभार राकेश जी "मित्र मंडली" में रचना को स्थान देने के लिए ।
जवाब देंहटाएंश्रृंगार और सौन्दर्य उस कर कोमल भाव बहुत सुंदर कविता मीना जी, लालित्य और मधुरिमा समेटे अप्रतिम रचना।
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रतिक्रिया हेतु हृदयतल से धन्यवाद कुसुम जी ।
जवाब देंहटाएंवाह- मीना जी अत्यंत मानभावन सपना !!!!!! बालसुलभ कल्पना - नभ के खिलखिलाते आंगन को देखने की, तारों को झोली में भरते की | भ्रम है पर कितना मनोरम है ये सपना !!!!!! सस्नेह
जवाब देंहटाएंआपकी ऊर्जावान प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से धन्यवाद रेणु जी !! सस्नेह .
हटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंस्वागत आपका "मंथन" पर । आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद 🙏 .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार अंकित जी ।
हटाएंवाह , बहुत खूब !!
जवाब देंहटाएंस्वागत आपका "मंथन" पर और तहेदिल से शुक्रिया हौसला अफजाई के लिए ।
हटाएंखुबसुरत रचना
जवाब देंहटाएंस्वागत आपका "मंथन" पर और तहेदिल से शुक्रिया हौसला अफजाई के लिए सरिता जी ।
हटाएंसुंदर सृजन
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