आओ सब मिल कर आज ,स्वन्तत्रता दिवस मनायें ।
शहीदों को याद करें ,
मान से शीश झुकायें ।।
फहरायें तिरंगा शान से ,
गर्व से जन गण मन गायें ।।
आओ सब मिल कर आज ,स्वन्तत्रता दिवस मनायें ।
सीखें समानता बन्धुता का पाठ ,
राष्ट्र का मान बढ़ायें ।
त्यागें राग द्वेष का भाव ,
कुटुम्ब खुशहाल बनायें ।।
आओ सब मिल कर आज ,स्वन्तत्रता दिवस मनायें ।
व्यक्तिगत को भूल कर ,
समष्टिगत को जीवन सार बनायें ।
करें सब की इच्छा का आदर ,
सामान्य इच्छा का सिद्धांत अपनायें ।।
आओ सब मिल कर आज ,स्वन्तत्रता दिवस मनायें ।
XXXXX
अमीन ... यह शुभ संदेश जन जन तक पहुँचे और सही अर्थ में बम आज़ादी मनाएँ ...
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई ...
स्वन्तत्रता दिवस की हार्दिक बधाई नासवा जी , बहुत अच्छा लगा आपकी सराहनीय प्रतिक्रिया देख कर....., लिखना सफल हुआ :-)
हटाएंउम्दा रचना ।
जवाब देंहटाएंदेश भगति के साथ साथ नागरिक कर्तव्य की महक है इस रचना में।
स्वन्तत्रता दिवस की हार्दिक बधाई रोहिताश्व जी , बहुत दिनों के बाद बाद आपकी प्रतिक्रिया देख अतीव प्रसन्नता हुई । रचना सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ।
हटाएंशहीदों को याद करें ,
जवाब देंहटाएंमान से शीश झुकायें ।।
बंधाई इस खूबसूरत ख्याल के लिए
आपको भाव रुचिकर लगे लेखन सफल हुआ ,अति आभार सराहनीय प्रतिक्रिया के लिए :-)
हटाएंव्यक्तिगत को भूल कर ,
जवाब देंहटाएंसमष्टिगत को जीवन सार बनायें ।.... वाह! भारतीय दर्शन में अपराधीनता की अवधारणा!!! बधाई !!!
हौसला अफजाई करती प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से आभार विश्व मोहन जी ।
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