(1)
तुम ही कहो
ये भी कोई बात है
अपना ही अपना
गौरवगान
समझदारी नहीं
दर्प का पर्याय है
(2)
बुरी बात है
किसी की ना सुनना
मनमानी करना
जिद्द होती है
यदि जाना है आगे
सब के साथ चलो
(3)
भोर का तारा
कर रहा इशारा
दिन की शुरुआत
ऊषा के साथ
कल को भूल कर
आज की नींव रख
XXXXX