श्रावण मास…., भगवान शिव की आराधना का पावन महिना । शिव भक्त पूरे माह श्रद्धा से भोले भण्डारी का पूजन-अर्चन करते हैं , पवित्र नदियों से कांवड़ लाकर जलाभिषेक करते हैं । कांवड़ियों के “बम बम लहरी” “जै जै शिव शंकर” नाद से शिव मंदिर और कांवड़ियों के यात्रा पथ गुंजायमान हो उठते हैं । देवों के देव त्रिनेत्र धारी भगवान शिव को समर्पित एक छोटी सी स्तुति -------
करुणानिधि हो , जगपालक हो ।
विनती सुन लो , शिव शंभु प्रभो ।।
निज जान कृपा , रखना प्रभु जी ।
कर जोरि खड़े , करते विनती ।।
तुम ही जग की , रचना करते ।
भव सागर पार , लगा सकते ।।
भव सागर पार , लगा सकते ।।
अपराध क्षमा ,करना शिव जी ।
तुम दीनबन्धु , शशिशेखर जी ।
विषपान किया उपकार किया ।
तुम दीनबन्धु , शशिशेखर जी ।
विषपान किया उपकार किया ।
देवों को अभय का दान दिया ।।
प्रकृति के रक्षक , पशुपतिनाथ ।
गौरी शंकर , हम तेरे दास ।।
निज सेवक जान , कृपा करना ।
आशीष सदा , हम पर रखना ।।
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