नहाया धोया …, गीला सा चाँद
उतर आया है , क्षितिज छोर पर
थोड़ी देर में खेलेगा हरसिंगार की
शाख पर आँख-मिचौली
झूलती डाल और फूल-पत्तियों से
आधी सी रात में…………,
जब आ जायेंगे, नील गगन में
अनगिनत तारे, तो मनचला
भाग जाएगा उनके बीच….,
और खेलेगा उनके साथ
बादलों में छुपकर लुका-छिपी
भोर के तारे संग……….,
थक हार कर, छिप जाएगा
किसी अनदेखे आँचल के छोर में
दिन भर सो कर…..,
करेगा ऊर्जा संचित
कल फिर आने के लिए
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आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' ०९ अप्रैल २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
जवाब देंहटाएंटीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
निमंत्रण
विशेष : 'सोमवार' ०९ अप्रैल २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने साप्ताहिक सोमवारीय अंक में आदरणीय 'रवींद्र' सिंह यादव जी से आपका परिचय करवाने जा रहा है।
अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
"लोकतंत्र'' संवाद मंच के निमन्त्रण के लिए हार्दिक धन्यवाद ध्रुव सिंह जी. मंच से जुड़ना और साथी रचनाकारों की रचनाएँ पढ़ना मेरे लिए हर्ष का विषय है.
हटाएंये चाँद बहुत गुल खिलाता है रात में और सीन में
जवाब देंहटाएंऊर्जा ले के फिर आ जाता है मनभावन हरसिंगार खिलाने ...
मनभावन रचना ...
बहुत बहुत आभार नासवा जी .
हटाएंसचमुच चाँद फिर से ले आता है ऊर्जा अपने लिए भी और समस्त कायनात की थकन मिटाने के लिए भी | आदरणीय मीना जी सुंदर , प्यारी सी रचना | सस्नेह --
जवाब देंहटाएंआपकी प्रतिक्रिया भी नव लेखन हेतु मन में नव ऊर्जा का संचार कर देती है रेणु जी! सस्नेह .
हटाएंखूबसूरत शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन
जवाब देंहटाएंमनोबल और आत्मविश्वास बढ़ाते शब्दों के लिए आपका हार्दिक आभार संजयजी .
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 11अप्रैल 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
हटाएं"पाँच लिंकों का आनन्द में" मंच का निमन्त्रण मुझे सदैव हर्ष की अनुभूति प्रदान करता है.मेरी रचना को सम्मिलित कर मान देने के लिए हृदयतल से आभार पम्मी जी .
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