जै त्रिपुरारि
जै जै शिव शंकर
भोले भण्डारी
काशी के वासी
जै नीलकंठधर
त्रिनेत्र धारी
जै गंगाधर
प्रकृति के रक्षक
शशि शेखर
गौरी के प्रिय
कैलाश अधीश्वर
विष्णु वल्लभ
करें वन्दन
यक्ष, देव, गन्धर्व
जड़- चेतन
भक्त मगन
शिवरात्रि पावन
मन भावन
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जय भोले भंडारी ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब हाइकू भोले के भोलेपन पर ...
हार्दिक धन्यवाद नासवा जी.आपको स्तुति पसन्द आई, मेरा लिखना सफल हुआ.
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