आँसू प्यार और दर्द के
अहसास की पहचान होते हैं
दिल के दर्द को बयान करते हैं
ठेस लगे तो उमड़ पड़ते हैं तो कभी
दिल के दर्द को बयान करते हैं
ठेस लगे तो उमड़ पड़ते हैं तो कभी
अपनों की जुदाई में भी छलक जाते हैं
वक्त बदला और दुनिया बदली
वक्त बदला और दुनिया बदली
अहसासों की परिभाषा बदली
अब वक्त कहता है ….,
अब वक्त कहता है ….,
अपनी बात मनवाने को
खुद का सिक्का जमाने को
जब जी चाहे ….,
आँखों में आ जाते हैं और
पलकों की चिलमन छोड़जब जी चाहे ….,
आँखों में आ जाते हैं और
गालों पर फिसल जाते हैं।
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जवाब देंहटाएंThank you so much Dinesh ji for appreciating. Welcome to my blog. I will surely visit the blog you mentioned. Thanks again.
जवाब देंहटाएंवाह्ह्ह.....बहुत भावपूर्ण सुंदर रचना मीना जी।
जवाब देंहटाएंआभार श्वेता जी .
जवाब देंहटाएंआँसू प्यार और दर्द के
जवाब देंहटाएंअहसास की पहचान होते हैं
क्या बात कह डाली...सोलहो आने सच... सुंदर लगा आज की कविता को पढना !
बहुत बहुत धन्यवाद संजय जी .
जवाब देंहटाएंरोक के रखना होता है इन आंसुओं को पलकों तले तभी ये एहसास बनते हैं उतर आते हैं शब्द बन के ...
जवाब देंहटाएंइतनी सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए अत्यन्त आभार दिगम्बर जी .
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