(1)
हे !
कान्हा
ब्रज के
प्राणाधार
नन्द यशोदा
राह निहारत
सूना यमुना तट
व्यथित राधिका रानी
कब आओगे गिरधारी
सुनियो अर्ज बांके बिहारी!
(2)
मैं
और
सवेरा
सुनहली
रवि किरणें
दिवस आरम्भ
नई अभिलाषाएँ
आलोकित तन मन
खग दल का कलरव
मुदित धरा का कण-कण।XXXXX
कमाल के शब्द संजोये हैं उम्दा
जवाब देंहटाएंतहेदिल से शुक्रिया संजय जी .
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