तृषित कारवां ,पंकिल सरुवर
प्यास बुझाना आसान नही
मुश्किल सा है ।
तपती धूप में , गर्म रेत पर
नंगे पैरों का सफर आसान नही
मुश्किल सा है ।
बँधी आँखें , दूरस्थ मंजिल
लक्ष्य भेदना आसान नही
मुश्किल सा है ।
निर्गुण भक्ति, गूंगे का गुड़
स्वाद बताना आसान नही
मुश्किल सा है ।
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- "मीना भारद्वाज"