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सोमवार, 20 फ़रवरी 2017

"मुश्किल"

तृषित कारवां ,पंकिल सरुवर
प्यास बुझाना आसान नही
मुश्किल सा है ।

तपती धूप में , गर्म रेत पर
नंगे पैरों का सफर आसान नही
मुश्किल सा है ।

बँधी आँखें , दूरस्थ मंजिल
लक्ष्य भेदना आसान नही
मुश्किल सा है ।

निर्गुण भक्ति, गूंगे का गुड़
स्वाद बताना आसान नही
मुश्किल सा है ।

XXXXX

       

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- "मीना भारद्वाज"