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शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017

"तस्वीरें"

तस्वीरें बोलती  हैं  कभी फूलों और पत्तियों में , कभी इन्सानी चेहरों में  तो कभी ऐतिहासिक स्मारकों में और जीर्ण भग्नावशेषों में । मुझे प्रकृति का हर रुप तस्वीरों के माध्यम से बोलता दिखाई देता है । कुछ ऐसी तस्वीरें जो मेरे मन के बहुत करीब हैं …..,सोचा अपने विचारों के साथ -साथ इनको भी आप सब से साझा कर लूं ।




























2 टिप्‍पणियां:

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"