कभी-कभी यूं भी होता है
कि आप एक शिद्दत से
कुछ याद करते हैंं मगर
वक्त रेत की मानिन्द
आपकी मुट्ठी से फिसल जाता है।
कभी-कभी यूं भी होता है
कि अकारण ही
कुछ देखकर, कुछ सोचकर
कुछ यादें आपके दिल में उभर आती हैं।
मगर जज़्बातों की अनदेखी
कभी आपकी, कभी उसकी
उन मीठे लम्हों को दिल में
कहीं दफन कर देती है।
कभी अचानक
दिल के दरवाजे पर दस्तक दो तो
यादों के समन्दर में
एक हल्की सी आहट होती है
और दिल गहराइयों से कहीं एक आवाज उभरती है
ओ-----ऐसा क्या?
XXXXX
सरल शब्द, सहज भाव, कोई बनावट नहीं. कोई लाग-लपेट नहीं. आपकी कविताएँ पढ़कर दिल में एक हल्की सी टीस उठती है. आपके सृजन का सिलसिला कभी टूटे नहीं यही कामना है. आशीर्वाद और शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंहौंसलाअफज़ाई के लिए तहेदिल से शुक्रिया गोपेश जी .
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