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बुधवार, 14 सितंबर 2016
“पानी”
जीव उत्पति का कारक है पानी ।
पंचभूत का आधार है पानी ।।
इन्सान की आँखों की लाज है पानी ।
जीवों की प्यास बुझाता है पानी ।।
तोड़ दे अपने बांध तो विनाश है पानी ।
कहीं आग बुझाता है तो कहीं आग लगाता है पानी ।।
2 टिप्पणियां:
Unknown
14 सितंबर 2016 को 10:04 pm बजे
सत्य वचन
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Unknown
14 सितंबर 2016 को 10:05 pm बजे
सत्य वचन
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मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏
- "मीना भारद्वाज"
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