फुर्सत के पलों में तेरे साथ जीया
हर लम्हा याद आता है।।
हफ्तों से गुमसुम बादलों से ढका
आसमान का वो खाली कोना याद आता है।
कोहरे की चादर संग बारिश मे भीगते हुए
तुमसे बिछड़ना याद आता है।
छोटी सी पहाड़ी उस पे मन्दिर
मन्दिर का दीपक याद आता है।
बादल बरसे या बरसी आँखें
आँखों का गीलापन याद आता है।
फुर्सत के पलों में तेरे साथ जीया
हर लम्हा याद आता है।।
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खूब शब्दों में ढाला अपने मनोभावों को ......बहुत ही सुंदर
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु आभार संजय जी .
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